यह emotional love story in hindi कहानी है , जो काफी रोचक और काल्पनिक घटना पर आधारित प्रेरक कहानी है। छोटी सी यह हिन्दी कहानी कई आकर्षक पात्रों से भरपूर है।
यह कहानी एक बेहतर संदेश के साथ -साथ कहानी में एक भावनात्मक परिस्थिति भी प्रस्तुत करती है। साथ ही यह सचमुच emotional love story in hindi है।
हमारी अन्य कहानी संग्रह में नींद वाली कहानी भी एक रोचक कथा संग्रह हैं , जो बच्चों की बेहतर परवरिश और उनको कल्पनाओं की दुनिया में ले जाकर उनके मन में रोमांच पैदा करती हैं । ये कहानी रात के वक्त बच्चों को एक स्वप्निल दुनिया में ले जाती हैं।
उन कहानियों का नायक बच्चों के सपनों में चमत्कारिक रूप से जीवित होकर जीवन का जरुरी पाठ भी पढ़ाती हैं। यह emotional love story in hindi बड़े लोग भी पढ़कर एन्जॉय कर सकतें हैं।
emotional love story in hindi: एक लड़की भीगी-भागी सी:
Emotional Love Story in hindi:- बाहर हल्की-हल्की बारिश हो रही थी और एक कमरे में अभिषेक एक रोमांटिक गाना गा रहा था , उसके हाथों में गरमा – गरम चाय की प्याली थी, अंधेरी रात और उसके प्यारे पति का साथ सुधा को बिल्कुल जन्नत का एहसास करा रही थी।
सुधा यह सब सोच ही रही थी कि उसे अपनी सोच पर हंसी आ गई और वह मुस्कुरा दी। अभिषेक काफी अच्छा गाना गाता था उस समय उसका गाना पुरे माहौल को काफी खुशनुमा कर रहा था। अभिषेक का गाना खत्म हुआ तो वह अपनी पत्त्नी सुधा की तरफ देखा और सोचा की वह उसके गाने की तारीफ करेंगी। सुधा ने कहा भी की अभिषेक तुम्हारा गाना मुझे मदहोश कर देता है। अभिषेक और सुधा मुस्कुराते हुए अपने-अपने प्याले में चाय पी रहे थे।
सुधा को एक मजाक सुझा। उसने अभिषेक से पूछा कि ,’ अच्छा बताओ वह गाना तुम किसके लिए गए रहे थे। अब अभिषेक भी मजाक करने के मूड में था , सुधा से कहा , है एक लड़की इससे तुम्हें क्या ? मैं तुम्हें क्यों बताऊं ?
सुधा ने कहा , मत बताओ मुझे भी उस लड़की के बारे में जानने का कोई इंटरेस्ट नहीं है! सुधा ने अपने बाल पर हाथ फेरते हुए कहा। यह देखकर अभिषेक हंसने लगा और एक शेर कह डाला !
“वह हमसे बस यूं ही रूठ जाते हैं कि
उन्हें मनाने में मेरे काफी आंसू बह जाते हैं।
अभिषेक ने अपनी सुधा को मनाने के लिए जैसे – तैसे जोड़ -तोड़कर काम चलने लायक एक शायरी बना ली थी। सुधा ने भी उस शायरी का जवाब अपने तरफ से यह कहते हुए दिया कि
यूं ही फालतू शायरी किया करते हैं आप ,
ऐसे ही कुछ भी कहते रहते हैं आप !
सुधा के शेर कहने का अंदाज एवं भाव देखकर अभिषेक खिल – खिलाकर हंस दिया। सुधा भी मुस्कुरा दी , फिर दोनों मिलकर काफी देर तक बात करते रहे। बात करते-करते अचानक सुधा कुर्सी पर से उठी और नीचे गार्डन की ओर गई। नीचे खुले आसमान में बारिश में भीगनें लगी। अभिषेक ऊपर से सुधा को बारिश में भीगते हुए देख रहा था।
सुधा को बारिश में भीगना काफी पसंद था , यह बात अभिषेक अच्छी तरह से जानता था। रात भी काफी हो चुकी थी , परंतु अभिषेक ने सुधा को बारिश में भींगने से नहीं रोका। पूरी तरह से बारिश में भींग जाने के बाद सुधा छत पर अभिषेक के नजदीक आई तो उसे देखकर अभिषेक गुनगुना उठा और कहा ‘ एक लड़की भींगी भागी सी ! सुधा ऐसे ही गीले कपड़ों में सामने एक सोफे पर बैठ गयी ।
सुधा बारिश में भीगते हुए नाच भी रही थी और अचानक से छत पर आकर काफी गंभीर हो गयी थी। सुधा को अपने बीमार होने का भी कोई डर नहीं था। अभिषेक ने उसे गीले कपड़ों में देखकर उसे अपने कपड़े बदलने को कहा , तो सुधा बोली ,अभिषेक जब तक तुम मुझे उस लड़की के विषय में नहीं बताओगे जिसके लिए उस रात गाना गा रहे थे। तब तक मैं ऐसे ही पूरी रात यहां भींगे कपड़ों में बैठे ही रहूंगी।
अगर मैं बीमार पड़ जाऊं तो याद रखना , इसकी सारी जिम्मेदारी तुम्हारी ही होगी। यह सारी बात सुधा काफी गंभीर होकर अभिषेक से बोल रही थी। अभिषेक सुधा का उसके प्रति पागलपन को बहुत अच्छी तरह से जानता था। सुधा को समझाने के ख्याल से उसने उससे कहा , सुधा मैं तो यूं ही मजाक में ऐसी बातें कही थी ,बस तुम्हें चिढ़ाने के लिए ही मैंने कही थी कि किसी दूसरी लड़की के गाना गा रहा हुँ
तुम मुझको बचपन से ही जान रही हो , मेरे जीवन में तुम्हारे अलावा कोई नहीं है ,तो फिर से आज यह बात क्यों बोल रही हो ? अभिषेक ने कहा। अच्छा तो मैं गलत बोल रही हूं , क्या यह सच नहीं है कि मैं तुम एक दिन रूबी के साथ रंगे हाथ नहीं पड़ा था ? बोलो पकड़ा था ना ?
सुधा और अभिषेक बचपन से ही एक दूसरे को जानते थे और एक अच्छे दोस्त थे।जब दोनों कॉलेज में पहुंचे तो कॉलेज में रूबी नाम की एक लड़की भी थी , जो सुधा और अभिषेक दोनों की दोस्त थी। अभिषेक और रूबी धीरे-धीरे एक दूसरे को पसंद करने लगे थे। रूबी यह बात अच्छी तरह जानती थी कि अभिषेक सुधा को बस अपना एक अच्छा दोस्त ही समझता था।
परन्तु दूसरी ओर सुधा उससे बहुत प्यार करती थी। सुधा यहां तक अभिषेक को चाहती थी कि वह उसी के साथ शादी भी करना चाहती थी। सुधा अभिषेक के प्रति पागलपन की हद तक उसे प्यार करती थी। इस कारण वह अपने अभिषेक को किसी भी किसी लड़की के साथ बात करते भी नहीं देखना चाहती थी।
रूबी के साथ भी अभिषेक अगर कुछ ज्यादा देर तक बात करता था तो वह इस बात को लेकर अभिषेक से नाराज हो जाती थी। और तीन-चार दिन तक उससे बात भी नहीं करती थी , फिर अभिषेक के काफी मान -मनोबल के बाद ही मानती थी। यह तो अब बराबर की बात हो गई थी।
वैसे तो रूबी में काफी सारी खूबियां थी। इन खूबियों के बावजूद भी अभिषेक के परिवार वाले रूबी को अपनी बहू बनने के लिए राजी नहीं थे। क्योंकि रूबी एक दूसरे समुदाय की लड़की थी। अभिषेक यह बात बहुत अच्छी तरह से जानता था कि उसके घर वाले रूबी के साथ उसकी शादी कभी नहीं होने देंगे। अभिषेक और रूबी दोनों ने समझदारी दिखाते हुए एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया था। इसके बाद ही सुधा का रास्ता एकदम साफ हो गया। उसने सारे उपाय कर अभिषेक से शादी रचा थी।
शादी के बाद भी सुधा अभिषेक पर बराबर शक किया करती थी। वह कुछ-कुछ बात को लेकर अभिषेक पर शक करते हुए उसे परेशान किया करती थी , हालांकि सुधा अभिषेक का काफी ध्यान भी रखती थी। अभिषेक के हर जरूरत को तुरंत पूरा करने का प्रयास करती थी। छोटी से छोटी जरूरत का हमेशा ध्यान रखती थी। मतलब की सुधा ने अभिषेक के घर को बड़े ही बेहतरीन तरीके से संभाला हुआ था।
ऐसे ही हंसी खुशी सुधा और अभिषेक की जिंदगी चल रही थी , की एक दिन अभिषेक के मोबाइल पर रूबी का फोन आ जाता है। रूबी ने फोन कर अभिषेक को कहा कि ‘ वह उससे तुरंत मिलना चाहती है ‘ यही एक फोन अभिषेक और सुधा की खुशहाल जिंदगी में एक बड़ा तूफान खड़ा कर दिया था।
अभिषेक और रूबी एक रेस्तरां में मिलने का प्रोग्राम तय करते हैं। सुधा के शक्की स्वभाव के कारण दोनों ने इस संबंध में उसे कुछ भी नहीं बताया था।
मगर सुधा को किसी तरह अभिषेक और रूबी का रेस्तरां में मिलने का प्रोग्राम के विषय में पता चल गया था। सुधा ने भी यह बात अभिषेक पर जाहिर नहीं होने दी थी कि उसे सब पता है।
अगले दिन काफी तेज बारिश हो रही थी। इतवार का दिन था। इस कारण अभिषेक को घर से निकलने के लिए काफी बहाने बनाने पड़े थे। रूबी से मिलने जाने के लिए अभिषेक के घर से निकलने के बाद पीछे-पीछे सुधा भी अभिषेक से छुपाकर घर से निकल पड़ी थी।
रूबी पहले पहुँच चुकी थी। अभिषेक रेस्त्रां में रूबी के टेबल तक पहुंचता है , बारिश के कारण से रूबी थोड़ी गीली भी हो चुकी थी। रूबी को देखकर अभिषेक ने धीरे से कहा ,’ एक लड़की भीगी भागी सी ‘ अभिषेक के इतना कहते ही सुधा लपक कर किसी तरह अभिषेक के नजदीक पहुंच जाती है और रेस्तरां में हंगामा खड़ा देती है। रूबी और अभिषेक एकदम से अवाक् रह गए थे। वे सपने में भी ऐसा नहीं सोचे थे कि सुधा रेस्तरां में इस तरह से अचानक पहुंच जाएगी। रूबी काफी अपमान महसूस कर रही थी। वह रोते हुए रेस्तरां से बाहर निकलने का प्रयास करती है , तभी सुधा उसका रास्ता रोक कर उसके गाल पर एक थप्पड़ लगा देती है। यह देखकर अभिषेक का भी अपने आप पर काबू नहीं रह जाता और वह भी सुधा को एक थप्पड़ लगा देता है।
सुधा कुछ बड़बड़ाते हुए वहां से बाहर निकल जाती है। रूबी भी बिना कुछ कहे रेस्तरां से बाहर निकल कर चली जाती है। यह सब घटना देखकर अभिषेक काफी तनाव में आ गया था। वह अपने घर जाने का बजाय अपने दोस्त के घर चला जाता है।
परन्तु अभिषेक को रहा नहीं गया वह भी अपने घर चला जाता है। यहां घर पहुंच कर सुधा एक बड़ा खतरनाक कदम उठ चुकी थी। अभिषेक तुम कुछ बोलो ,’ तुम्हारे पास है कुछ बोलने के लिए ! अपनी सफाई देने के लिए चाहा परन्तु सुधा की काफी तेज आवाज से अभिषेक परेशान हो जाता है।
अभिषेक ने सुधा को कहा , मैंने तब भी तुम्हें क्या बात समझाई थी , की रूबी और मेरे बीच सब कुछ खत्म हो चुका है , और आज भी मैं तुम्हें यही बात समझाने की कोशिश कर रहा हुँ। तुम्हें एक बहुत बड़ी गलत फहमी हो चुकी है। मेरे और रूबी के बीच अब ऐसा कोई भी रिश्ता नहीं है ,सारे संबंध बहुत पहले ही खत्म हो चुके हैं , अब वह सिर्फ एक सिंपल फ्रेंड है , और फ्रेंडली मुलाकात करने आज रेस्तरां में आई थी। मैंने सिर्फ तुम्हें इसलिए नहीं बताया कि मैं अच्छी तरह तुम्हारा पागलपन और तुम्हारे उलूल-जुलूल सवालों से बचना चाहता था। हर वर्ष जब भी बारिश का मौसम आता है , तुम इस तरह की हरकत जरूर करती हो। अब बस भी कर दो। 4 साल हो गए हैं हमारी शादी को। रूबी की बात को लेकर तुम्हें तंग नहीं करनी चाहिए , अभिषेक ने कहा।
तुम मुझसे तंग आ गए हो इतना, सुधा ने कहा। तो अब तुझको छोड़कर मैं यहां से जा रही हूँ ,और इस बार तो सही में कभी नहीं लौटेगी। तुम देख लेना तुम अगर बुलाना भी चाहो तो मैं तुम्हारे पास फिर नहीं आऊंगी , बिल्कुल नहीं आऊंगी। सुधा ने गुस्से में कहा। अभिषेक ने कहा कि ‘ मैं तुम्हें नहीं रोका है , हर बार मुझसे लड़कर जाने को कहती हो और फिर वापस भी आ जाती हो।
सुधा ने कहा परंतु इस बार बिल्कुल नहीं आउंगी।
यह कहकर सुधा बालकोनी की छत से छलांग लगा दी। सुधा का शरीर नीचे जमीन पर बिल्कुल निष्प्राण पड़ा हुआ था। हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। ठीक उस दिन की तरह जब सुधा गुस्से में घर से बाहर निकली थी। सुधा घर पर बालकोनी से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। अभिषेक इतना मानसिक आघात में था कि सुधा का मृत शरीर इसी तरह ऐसे ही बारिश में भी काफी देर तक भींगता रहा था।
अभिषेक ने मन ही मन कहा कि ‘ बड़ी नौटंकी बाज लड़की है यह। 5 साल से हर बारिश के मौसम में एक बार अवश्य यहां आती है और हर बार मेरे से लड़ाई- झगड़ा करती है और फिर कभी यहां नहीं आने का खुद फैसला करके यहां से चली जाती है। चलो अब अगली बारिश तक उसके आने का इंतजार करता हुं। उसे पगली लड़की को अभिषेक बालकनी से नीचे जाकर देखा, परन्तु सुधा वहां नहीं थी।
बड़ी भारी मन से गाना गुनगुनाते हुए अभिषेक अपने कमरे में आ गया ‘ एक लड़की भीगी भागी सी ‘! This is the emotional love story in hindi
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