Laghu kahani in hindi एक दिल छू लेने वाली कहानी जो सभी उम्र के पाठकों को सही शिक्षा देने और उसमें अच्छे संस्कार पैदा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा हमारी अन्य कहानी भी एक महत्वपूर्ण संग्रह है ,जो बच्चों को बेहतर परवरिश काफी सहायक है। Laghu kahani in hindi बच्चों को सपनों के निराली दुनिया में ले जाकर उनका भरपूर मनोरंजन करती है।
यह कहानी रात के वक्त बच्चों को सुलाने के लिए सुनाई जाती है। कहानी सुनते-सुनते बच्चे सो जाते हैं और कहानी का नायक उनके सपनों में जीवित होकर उनको जीवन का जरुरी पाठ भी पढ़ाता है। आजकल Laghu kahani in hindi जैसी कहानी ऑनलाइन काफी संख्या में उपलब्ध भी है।
क्रिकेट का जूनून | Laghu kahani in hindi
एक छोटे गांव में एक लड़का रहता था। उसका नाम रमेश था। रमेश एक बड़ा क्रिकेटर बनना चाहता था। लेकिन उसके गांव के आस – पास कहीं भी क्रिकेट खेलने या क्रिकेट सीखने की कोई भी सुबिधा नहीं था। परन्तु फिर भी रमेश इस जिद पर अड़ा था की वह क्रिकेट खेलना तो सीखकर ही रहेगा।
रमेश सबेरे -सबेरे उठ कर पास के छोटे से मैदान में अकेले ही क्रिकेट की प्रैक्टिश करना शुरू किया। धीरे धीरे कुछ बच्चे भी क्रिकेट खेलने के लिए वहां आने लगे। गांव वाले रमेश की मेंहनत और जूनून देखकर काफी खुश हुआ करते थे। आगे चलकर गांव वाले रमेश को इसके लिए प्रोत्साहित भी करने लगे। कई बार रमेश की चोट भी लगी, बहुत तरह की मुस्किलें आयी फिर भी क्रिकेट के प्रति उसका जूनून कम नहीं हुआ।
क्रिकेट खेलने के लिए आवश्यक सामानों की भी भारी किल्लत थी, इसकी कमी को दूर करने के लिए वह कहीं से पुरानी बैट , पैड एवं विकेट आदि का इंतजाम उसने किसी तरह से कर लिया था। रमेश हर दिन कुछ नया सीखता और उसके खेल में धीरे – धीरे सुधार होता गया। रमेश की माँ भी अपने बेटे का हौंसला बढ़ाते रहती थी। रमेश की मां कहती कि ‘बेटा मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं होती।’ माँ की बात हमेशा उसके दिल में रहती थी।
कुछ महीने बीत चुके थे। अब रमेश एक अच्छा क्रिकेटर बन चूका था। एक दिन बगल के गांव से एक क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हुआ। एक महीने के बाद फाइनल मैच की तारीख तय हुआ था । रमेश यह सोच चूका था की यह मौका उसे अपने आपको साबित करने का अच्छा अवसर है और वह दिन रात प्रैक्टिस में जुट गया था।
कुल चार टीमों के बीच मुकावला था। फिर एक दिन टूर्नामेंट का भी समय आ गया। रमेश का क्रिकेट टीम हालाँकि काफी नया था और बाकी टीमो में पुराने – पुराने प्लेयर थे। रमेश की टीम काफी अच्छा क्रिकेट खेली। टीम फाइनल तक पहुँच चुकी थी ,परन्तु फाइनल में रमेश की टीम कुछ रनों से हार गयी थी।
रमेश के गांव का नाम आस – पास के गांव में प्रचार- प्रसार हो चूका था। इस मैच के बाद रमेश के गांव के कुछ बच्चों ने अलग टीम बनाकर क्रिकेट खेलने लगे थे। सभी के लिए रमेश एक प्रेरणा बन चूका था। रमेश के परफॉरमेंस देखकर उसका सिलेक्शन शहर के एक बड़े क्रिकेट टीम में हो गया।
अब तो वह अपने गांव का हीरो बन चूका था। शहर की टीम में रहते हुए रमेश ने आपने बदौलत कई मैडल टीम को दिलाया था। उसके पास मैडल के ढेर लग चुके थे। राज्य के बाहर भी जाकर उसकी टीम खेलती थी और कई बार ट्राफी लाती थी। राज्य के माननीय मुख्य मंत्री जी से भी वह सम्मान पा चूका था।
आगे चलकर रमेश जब खेल से सन्यास ले चूका तो गांव वालों के अनुरोध पर क्रिकेट सीखाने के लिए एक क्रिकेट अकादमी भी खोला। आस – पास के गांव -कस्बे एवं नजदीकी शहर के बच्चों को क्रिकेट सीखाने का काम रमेश बखूबी करने लगा। क्रिकेट खेल की बदौलत ही उसने भरपूर पैसा और प्रतिष्ठा भी पायी थी।
रमेश के गांव में किसी भी तरह की कोई सुबिधा क्रिकेट खेलने के लिए नहीं थी। रमेश की जगह कोई भी इंसान होता तो यह सोचता की जब सुबिधा ही नहीं है तो क्यों बेकार में क्रिकेट सीखने में आपने समय गवांया जाय , परन्तु अपनी दृढ इच्छा शक्ति एवं जूनून के कारण ही आज रमेश इस मुकाम तक पहुँच चूका था कि उसे अपने जिंदगी में सब कुछ मिल चुके थे जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी। ।
रमेश के क्रिकेट अकादमी से भी कई बच्चे अच्छा क्रिकेटर बनकर अपने गांव और जिला का नाम रौशन किये। रमेश को जब भी फुर्सत मिलती तो वह उस मैदान पर अवशय जाता था, जहाँ शुरू में वह क्रिकेट खेलना सीखा करता था। उस मैदान की मिटटी को चूम कर वह बीते दिनों को याद किया करता था।
रमेश की यह कहानी हमें यह सीखाती है कि अपने सपनों और अपने लक्ष्य के पीछे पूरी मेंहनत से अगर आप लगे रहेंगे तो देर से ही सही सफलता मिलनी तय है। भगवान भी उसी की मदद करतें है जो अपने goal को प्राप्त करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करता है । यही है Laghu kahani in hindi and laghu kahani in hindi with moral.
सीख :- सफलता संघर्ष के बिना मिलना नामुमकिन है।
शिकारी का लालच : Laghu kahani in hindi
यह बच्चों के लिए एक प्रेरक लघु कथाएं एवं ज्ञानवर्धक लघु कथा है।
एक दिन एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल के तरफ निकला हुआ था। रास्ते में उसे एक हिरण एक पेड़ की ओट में घांस चरते हुए दिखाई पड़ गया। शिकारी ने छुपकर एक तीर उस हिरण पर चला दिया। शिकारी की तीर हिरण के ठीक सीने पर लगी और हिरण वहीँ जमींन पर गिरकर ढेर हो गया।
शिकारी दौड़ कर उस हिरण को अपने हाथों में उठा लिया और अपने कंधे पर लादकर जंगल में तेजी से आगे चल दिया। चलते – चलते शिकारी को एक बड़ा बारहसिंघा नस्ल का बड़ा हिरण उस रास्ते में घांस चरते हुए मिल गया । अब शिकारी को अधिक लालच हो गया था। उसने सोचा की कितना अच्छा होगा अगर इस बारहसिंघे का भी शिकार कर लिया जाता। यह सोचकर उसने उस बारहसिंघे पर एक तीर चला दिया। बारहसिंघा एक मजबूत और निडर जानवर होता है। शिकारी के तीर से बारहसिंघा घायल तो जरूर हुआ पर वह अभी जिन्दा था ।
बारहसिंघा शिकारी के पीछे तेजी से दौड़ा और अपनी तीखे सींग से वॉर कर उस शिकारी को भी बुरी तरह से घायल कर दिया। बारहसिंघा फिर जमींन पर गिर गया और थोड़ा छटपटाने के बाद उसकी मौत हो गयी। इधर यह शिकारी भी घायल हो गया था । अधिक खून गिरने के कारण शिकारी भी वही अपना प्राण त्याग दिया।
कुछ देर के बाद उस रास्ते से एक लोमड़ी गुजर रही थी। उसने देखा कि जमींन पर एक तरफ हिरण ,एक तरफ बारहसिंघा और कुछ दुरी पर एक इंसान मरा हुआ गिरा पड़ा है। यह नजारा देखकर लोमड़ी के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने सोचा कि इतना सारा भोजन तो मेरे कई दिनों तक काम आ सकेगा।
उसने यह भी सोचा की धीरे धीरे इस भोजन का लुफ्त उठाया जायेगा। यह सोचकर लोमड़ी सबसे पहले उस मरे हुए हिरण के नजदीक पहुंची । उसने सोचा कि सबसे पहले इस हिरण का मांस खाना ठीक रहेगा। यह सोचकर वह हिरण के शरीर में चुभा हुआ लोहे के तीर के आस पास से निकलता हुआ खून को चाटना शुरू किया। चाटने के दौरान ही तीर लोमड़ी के मुँह के अंदर घुस गया उसकी गर्दन को काटते हुए सीने तक जख्मी कर दिया और इस तरह लोमड़ी की तड़प -तड़प कर मृत्यु हो गयी। यही है Laghu kahani in hindi and laghu katha in hindi pdf.
सीख़ :- अधिक लोभ करना भी ठीक नहीं होता।
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