Motivational stories For Kids in hindi एक रोचक और ज्ञानवर्धक कहानी है , जो हमारे जीवन की सच्चाइयों को दिखाने एवं बच्चों को नैतिकता सिखाने के लिए हिंदी भाषा को एक माध्यम के तौर पर प्रयोग करती है। यह छोटी सी कहानी कई आकर्षक पात्रों के साथ लेकर बेहतर सीख एवं संदेश के साथ एक मोहक कहानी प्रस्तुत करती है।
Motivational stories For Kids in hindi एक दिल छू लेने वाली कहानी है जो सभी उम्र के पाठकों को प्रेरणा देने और उनमें अच्छे- संस्कार पैदा करने में काफी सहयोग करती हैं।
इसके अलावा नींद वाली कहानी भी हमारी एक महत्वपूर्ण कहानी संग्रह हैं , जो बच्चों की बेहतर परवरिश करने और उनकों सपनों की निराली दुनिया में ले जाकर संतुष्टि प्रदान करतीं हैं । ये कहानी रात के वक्त बच्चों को सुलाने के लिए सुनाई जाती हैं ताकि बचे कहानी सुनते – सुनते गहरी नींद सो जाएँ और उस कहानी का नायक उनके सपनों में चमत्कारिक रूप से जीवित होकर उनकों जीवन का जरुरी पाठ भी पढ़ाता रहे ।
आजकल Motivational stories For Kids in hindi जैसी कहानियां ऑनलाइन काफी संख्या में उपलब्ध भी हैं।
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छोटी सी बच्ची की छोटी सी कहानी : Motivational stories For Kids in hindi
किसी एक समय की बात है। एक छोटी सी लड़की थी जिसका नाम अराध्या था। एक दिन अराध्या अपने दोनों नन्हे हाथों में एक-एक सेब लेकर अपने घर में इधर से उधर घूम रही थी। थोड़ी देर के बाद उसने उस सेब को खाने की तैयारी भी करने लगी थी । उसकी मां ने जब यह देखा तो अपनी बेटी अराध्या से बोली कि – अरे बेटा , तुम्हारे पास तो दो – दो सेब है। तुम ऐसा करो कि उनमें से कोई एक सेब मुझे भी खाने को दे सकती हो क्या ? अराध्या ने जब मां की यह बात सुना तो जल्दी – जल्दी से दोनों सेब पर बारी – बारी से अपने दाँत गड़ा दिये, साथ ही सेब के कुछ भाग को उसने जल्दी से चख भी लिया ।
अराध्या की मां अपनी बेटी को इस तरह से करते देखी तो वह कुछ निराश जैसी हो गयी और उसने अपनी बेटी से कही गयी अपनी बात वापस ले लेने के बारे में सोचने लगी थी । तभी उस छोटी सी बच्ची आराध्या ने अपने हाथों में लिए एक सेब अपनी मां की ओर आगे बढ़ाते हुए कहा कि – ‘ यह लो मां , यह सेब अधिक मीठा है।’ यह सुनकर मां ने तुरंत अपनी बेटी को अपने गले से लगा लिया और उसके दोनों गालों को चुम भी लिया। अराध्या की माँ मन ही मन कहने लगी की भगवान ऐसी बेटी सभी को दे। ऐसी कहानियों को ही हम कह सकतें हैं कि यह Motivational stories For Kids in hindi का खूबसूरत उदाहरण है।
Moral of the story : किसी को तुरंत जज करना कभी-कभी गलत भी हो सकता है। इसलिए तुरंत जज न करें।
एकता में शक्ति : Motivational stories For Kids in hindi
यह कहानी हमें एकता की ताकत बताती है। एक आदमी के चार बेटे थे , जो हमेशा एक दूसरे से लड़ाई- झगड़ा तथा मारपीट किया करते थे। उनके पिता भी यह सब देखते – देखते बहुत तंग आ चुके थे । एक दिन उनके बाप ने अपने चारों बेटों को एक सबक सीखाने का पक्का इरादा कर लिया । इसके लिए उसने एक अच्छा सा आइडिया भी सोच लिया था।
एक दिन उसने अपने चारों बेटों को अपने नजदीक बुलाया और उनके सामने लकड़ी का एक बंडल दिया । उसने अपने चारों बेटों को कहा की इन लकड़ी के बंडल को तुम चारों भाई बारी – बारी से तोड़ने का प्रयास करो।

चारों भाईयों ने बारी – बारी से लकड़ी के उस बंडल को तोड़ने का अपनी ओर से काफी भरपूर प्रयास किया , लेकिन उनमें से किसी भाई ने लकड़ी के उस बण्डल को अकेले दम पर तोड़ नहीं पाया। उन्हें इस काम में फेल हो जाने पर उन चारों बेटों के बाप ने लकड़ी के उस बंडल को खोलकर अलग – अलग कर दिया।
उसके बाद उन बण्डल से एक-एक लकड़ी को बाहर निकाल कर अपने चारों बेटों को दे दी। अब उस आदमी ने अपने चारों बेटों को कहा कि अब तुम लोग बारी -बारी से इन लकडियों को तोड़ने का प्रयास करो। इस आदमी के चारों बेटों ने बारी – बारी से सभी लकड़ियां तोड़ दिया।
अब फिर उस आदमी ने अपने सभी चारों बेटे को अपने पास बुलाया और कहा कि- यदि तुम चारों भाई एकजुट रहकर काम करोगे तो तुम्हे कोई भी आदमी हरा नहीं पायेगा और तभी तुम अपने दुश्मनों से खुलकर मुकाबला भी कर सकते हो। लेकिन अगर आपस में ही लड़ते -झगड़ते और मारपीट करते रहोगे , एक दूसरे से दुश्मनी रखोगे तो यह आपकी कमजोरी होगी और आपको जीवन भर नुकसान पहुंचाती रहेगी।
आज के बाद से उनके चारों बेटों ने आपस में कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं किया। चारों बेटे आपस में प्रेम पूर्वक से रहने लगे थे ।
Moral of the story : हमें हमेशा एक जुटता के साथ रहना चाहिए , ताकि कोई भी आपको तोड़ न पाए। एक- जूटता में ही शक्ति है।
खोया हुआ बटुआ : Motivational stories For Kids in hindi
किसी समय की एक बात है। मुस्लिम भाइयों का ईद का महान पर्व आने वाला था। चारों तरफ बाजार में काफी भीड़- भाड़ एवं रौनक थी। एक लड़का जिसका नाम फातमी अहमद था , वह अपने स्कूल से वापस पैदल ही अपने घर की ओर लौट रहा था। जब वह भीड़- भाड़ वाले सड़क से होकर अपने घर की ओर जा रहा था , तभी रास्ते में उसे जमीन पर गिरा हुआ एक पैसा वाला बटुआ ( पर्स ) मिला।

उसने उस बटुए को अपने हाथों में उठा लिया और थोड़ी दूर आगे जाकर जब उसने बटुआ को खोल कर देखा तो उसमें काफी रूपये- पैसे और कुछ पहचान पत्र जैसे कागज रखे थे। फातमी यह बात अच्छी तरह से जानता था कि यह बटुआ किसी दूसरे व्यक्ति का है , जो रास्ते में ही गिर गया है। फातमी को यह एहसास हुआ कि इस बटुए को इसके मालिक को लौटाया जाना चाहिए।
फातमी को उसकी मम्मी ने भी यह बताया था और सीखाया था कि हमें ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ जीवन जीना चाहिए। थोड़ी हिचकिचाहट के साथ फातमी उस बटुए के मालिक का पता लगाने और बटुआ उसे वापस करने का निर्णय कर लिया।
फातमी बाजार में इधर-उधर खोजा और कुछ लोगों से पूछा और उस बटुए के मालिक का पता लगाने का काफी प्रयास किया , लेकिन उसे पूरे बाजार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं मिला जो अपना खोया हुआ बटुआ बाजार में खोज रहा हो। थोड़ी देर बाजार में इधर-उधर घूमने के बाद फातमी को पास में एक मस्जिद नजर आया।
वह मस्जिद के अंदर जाकर मस्जिद के इमाम से इस संबंध में मदद लेने का फैसला कर लेता है। यह सोचकर वह मस्जिद के अंदर गया और मस्जिद के ईमान से मिलकर उन्हें वह सारी बातें बताई। मस्जिद का इमाम ‘ फातमी ‘ की ईमानदारी देखकर काफी खुश हुआ और उसने बटुए के मालिक का पता लगाने में फातमी की मदद करने के लिए भी तैयार हो गया।
मस्जिद के इमाम और फातमी दोनों ने मिलकर बटुए में रखी हुई सभी सामानों का बड़ी सावधानी पूर्वक जांच पड़ताल किया । बटुए के अंदर एक कागज मिला जिसपर पर लिखा हुआ एक फोन नंबर भी मिल गया। फातमी ने उस फोन नंबर पर कॉल किया तो एक व्यक्ति ने फोन उठाया और कहा की वह ‘ मो0 निसार अहमद ‘ बोल रहा है।
फातमी ने उन्हें बताया कि उसे बाजार में जमीन पर गिरा हुआ एक ( पर्स ) बटुआ मिला है और वह बटुआ को उसके मालिक को वापस करना चाहता है। निसार अहमद ने कहा कि- ‘ हां , बाजार से वापस घर लौटते समय उसका बटुआ रास्ते में कहीं गिर गया था और वह काफी परेशान एवं चिंतित था , क्योंकि उस बटुए में उसके जरुरी पहचान पत्र भी थे।
बटुआ के मिल जाने की बात सुनकर निसार अहमद नाम का व्यक्ति काफी खुश हो गया था। उसने फातमी को बताया कि जब उसे यह एहसास हो गया था कि उसका बटुआ बाजार में कहीं खो गया था और उस बटुए में पैसे और काफी महत्वपूर्ण कागजात थे तो वह काफी परेशान हो गया था।
मस्जिद का इमाम उस व्यक्ति को मस्जिद में आकर अपना बटुआ का पहचान कर बटुआ लेने के लिए कहा और मस्जिद में उस आदमी से मिलने की व्यवस्था भी की। करीब घंटे भर बाद मोहम्मद निसार अहमद बाजार में स्थित मस्जिद के अंदर पहुंचे। मस्जिद के अन्दर मौजूद इमाम ने उन्हें सारी बातों की जानकारी दी।
सारी बात सुनकर वह व्यक्ति फातमी जैसे युवा लड़के की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा को देखकर काफी खुश एवं चकित रह गया। उसने फातमी को दिल से धन्यवाद व्यक्त किया और उसके अच्छे कामों के लिए उसे इनाम देने की भी पेशकश अपनी और से की।
हालांकि फातमी ने काफी विनम्रता पूर्वक इनाम लेने के संबंध में अपना इनकार व्यक्त कर दिया और उससे कहा कि वह सिर्फ ईमानदारी के वसूलों का पालन कर रहा है। उसकी मम्मी ने भी उसे यही चीज सिखाया है कि’ हर आदमी को ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ ही अपना जीवन जीना चाहिए।’
निसार अहमद को फातमी की यह बात उसके दिल की गहराई तक छू गयी थी, उसने अपने दिल से आभार व्यक्त किया उसने फातमी को अपने घर पर भी आने का अनुरोध किया और उसे अपने पूरे परिवार और अपने बच्चों से भी मिलवाया। निसार अहमद के परिवार के सभी लोग फातमी की सत्यनिष्ठा और ईमानदारी की भरपूर प्रशंसा करने लगे थे।
यह सब देखकर फातमी को अपने कार्यों पर काफी गर्व जैसा महसूस होने लगा था। उस दिन से फातमी और निसार अहमद तो अच्छे दोस्त बन ही गए , उसके परिवार के लोग भी आपस में अच्छी जान पहचान कर लिए। निसार अहमद आगे चलकर फातमी के एक तरह से शिक्षक बन चुके थे ।
उन्होंने फातमी की पढ़ाई लिखाई और उसके करियर बनाने में काफी सहयोग किया। फातमी के कार्यों ने उसे सिर्फ सही काम करने का प्रेरणा ही नहीं दिया , बल्कि फातमी और निसार अहमद दोनों में आजीवन गहरी मित्रता भी बनी रही। फातमी की ईमानदारी और सत्य निष्ठा की कहानी पूरे शहर में अब पूरी तरह से फैल भी चुकी थी।
वह दूसरे के लिए एक आदर्श व्यक्ति बन चुका था ,आगे भी फातमी ने अपनी प्राप्त शिक्षाओं और वसूलों का पालन करना लगातार जारी रखा था । वह हमेशा अपने कामों में ईमानदारी बरतने का पूरा प्रयास किया करता था।
निसार अहमद के खोए हुए उस बटुए की कहानी और उसकी असली मालिक को लौटने का फातमी का निर्णय उसके गांव वालों के लिए भी एक कीमती सबक बन चुका था , जिसमें ईमानदारी और दैनिक जीवन में शिक्षा एवं अपने बनाये वसूलों का पालन करने पर जोर दिया गया था । यह सभी लोगों के लिए काफी वर्षों तक एक यादगार के रूप में कार्य करता रहा ।
अब सभी को यह अहसास हो चूका था कि एक इंसान होने का सही अर्थ महान मूल्यों को अपने आप में धारण करना तथा ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ अपने बनाये वसूलों का पालन करते रहना ही है।
सीख :-इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हम सभी को ईमानदारी से अपना जीवन जीना चाहिए।
Frequently Asked Questions
बच्चों को किस तरह की कहानियां सीखना पसंद है ?
ऐसी कौन सी कहानी है जो सबक सिखाती है ?
दिल छू लेने वाली कहानी पाठकों को शिक्षित करने , उन्हें प्रेरणा देने और उनमें अच्छे-अच्छे संस्कार पैदा करने में काफी सहयोग भी करती हैं। जैसे शेर और चूहा की कहानी , खरगोश और कछुआ की कहानी , लोमड़ी और कौए की कहानी, बहादुर रीमा की कहानी।
conclusion
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