हमारे बच्चों को छोटी-छोटी कहानियां पढ़ने के बहुत सारे फायदे हैं। sher aur khargosh ki kahani in hindi उनके जीवन में एक अमूल्य पाठ सीखने का एक शानदार जरिया भी है। इस कहानी को समझने में भी उन्हें काफी सहूलियत है। अब तो नैतिक कहानियां , प्रेरणादायक कहानी, खोजकर पढ़ना पहले से काफी आसान भी हो गया है।
नींद वाली कहानियां भी एक महत्वपूर्ण कहानी संग्रह हैं , जो बच्चों की बेहतर परवरिश और उन्हें सपनों की निराली दुनिया में ले जाकर उनको संतुष्टि प्रदान करतीं हैं । ये कहानियां रात के वक्त बच्चों को सुलाने के लिए सुनाई जाती हैं ,और जो उनके सपनों में चमत्कारिक रूप से जीवित होकर उनकों जीवन का जरुरी पाठ भी पढ़ाती हैं। आजकल sher aur khargosh ki kahani in hindi जैसी मजेदार कहानियां ऑनलाइन काफी संख्या में उपलब्ध भी हैं।
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शेर और खरगोश की कहानी | sher aur khargosh ki kahani in hindi
sher aur khargosh ki kahani hindi mein : एक जंगल में एक बहुत ही खतरनाक शेर रहा करता था। इस जंगल में एक छोटा सा खरगोश भी अपना घर बनाकर रह रहा था। एक दिन की बात है, बहुत दिनों से शेर को कोई शिकार नहीं मिल रहा था, जिस कारण वह काफी भूखा था। शेर अपने भोजन की खोज में जंगल में इधर- उधर घूम रहा था।
इसी समय खरगोश भी अपने घर से निकलकर आसपास घूम रहा था। शिकार के लिए घूमते हुए शेर की नजर जब खरगोश पर पड़ी तो शेर दौड़कर तेजी से झपट मारा। शेर ने खरगोश को अपने पंजों में पकड़ लिया। अब तो खरगोश की हालत खराब हो गई। खरगोश को लगा की अब उसकी जान बचना मुश्किल है।
फिर भी खरगोश अपनी उम्मीद नहीं छोड़ा और शेर को बोला कि ” शेर महाराज आप तो जंगल के राजा है, आपको इस छोटे से खरगोश को खाकर आपका पेट नहीं भरेगा। महाराज मैंने एक हिरण को पास ही घास में छिपकर घास खाते हुए देखा है, अगर आप मुझे छोड़ दें तो मैं आपके साथ चलकर उस हिरण के पास ले जा सकता हूं, उस हिरण को मार कर आप अपना पेट भर सकते हैं।
खरगोश की बात को सुनकर शेर भी सोचने लगा कि यह तो बड़ी अच्छी बात है। खरगोश ने इशारे से उस जगह की ओर शेर का ध्यान दिलाया जहां हिरण छिपकर घास खा रहा था। शेर जब उधर देखा तो उसे भी हिरण की सींग नजर आयी। शेर खरगोश को वहीं छोड़कर हिरण की तरफ चुपचाप जाने लगा।
हिरण के नजदीक पहुंचकर शेर हिरण पर तेजी से झपट्टा मारा, परंतु यह क्या ? हिरण भी काफी होशियार और सतर्क था। वह शेर से बचकर भाग गया और पेड़ों के बीच जाकर शेर की नजर से भी वह ओझल हो गया। शेर ने सोचा कि चलो, आज खरगोश को खाकर ही भूख मिटाते हैं। यह सोचकर शेर वापस खरगोश की तरफ आने लगा।
जब वह उस जगह पर पहुंचा जहां उसने खरगोश को छोड़ा था, तो देखा कि वहां खरगोश कहीं नहीं है। उसने इधर-उधर देखा परंतु खरगोश का कुछ पता नहीं चला। खरगोश भी उसकी नजरों से ओझल हो चुका था। अब शेर सोचने लगा के उसने लालच में पड़कर हाथ में आया हुआ एक शिकार छोड़कर काफी बड़ी भूल कर दी।
इस प्रकार एक छोटे से खरगोश की बुद्धिमानी और शेर की बेवकूफी के कारण शेर को न तो हिरण का मांस खाने को मिला और न छोटे से खरगोश का ही वह शिकार कर पाया। .
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि संकट के समय घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। संकट के समय भी हमें अपने बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए और अपनी रक्षा करनी चाहिए।
दुष्ट शेर और चालाक खरगोश की कहानी | hindi story sher aur khargosh ki kahani
Sher aur khargosh ki kahani in hindi: नदी किनारे एक विशाल जंगल हुआ करता था। उस विशाल जंगल में एक बड़ा और शक्तिशाली शेर भी रहा करता था। शेर बहुत शक्तिशाली तो था ही, पर स्वभाव से भी वह काफी दुष्ट और बहुत घमंडी था। शेर का नाम तासुरका था। जंगल के सभी जानवर उस शेर से काफी खौफ एवं भय खाते थे।
तासुरका शेर जंगल में जहां भी जाता वहां बहुत सारे जानवरों को मार डालता। उसमें से कुछ जानवरों को वह खा लेता और बाकी को यूं ही बिना खाए हुए जंगल में छोड़ देता था। शेर के इस हरकत से जंगल के सारे जानवर काफी दुखी एवं निराश थे। एक बार जंगल के सभी जानवरों ने मिलकर एक बैठक बुलाई।
इस बैठक में जंगल के करीब- करीब सभी जानवर शामिल हुए। इस बैठक में यह विचार किया गया कि दुष्ट शेर से कैसे मुक्ति पाइ जाए। इस बैठक में अंत में यह तय हुआ कि ‘ सभी जानवर शेर के पास जाएंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वह अब किसी भी जानवर को तंग ना करें और न मारे। इसके बदले में प्रत्येक दिन शेर को एक जानवर खाने के लिए भेज दिया जाएगा।
योजना अनुसार एक दिन सभी जानवर मिलकर तारकासुर शेर के नजदीक गए और शेर को अपना प्रस्ताव सुनाया। जानवरों का प्रस्ताव सुनकर शेर को भी अच्छा लगा। उसने सोचा कि क्या जरूरत है शिकार के लिए घूमने और दौड़ने की। जब बैठे-बैठे ही शिकार मिल जाएगा तो उससे अच्छी बात क्या हो सकती है।
शेर जानवरों के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। शेर ने यह कहा कि जिस दिन तुम लोगों के द्वारा कोई जानवर मेरे पास नहीं भेजा जाएगा उस दिन जंगल के बहुत सारे जानवरों को मैं मार डालूंगा। जानवरों ने शेर को विश्वास दिलाया कि ‘हजूर ऐसा कभी नहीं होगा, प्रत्येक दिन एक जानवर आपके पास भोजन के लिए पहुँच जाया करेगा।
जंगल के जानवर अब बिना डर के इधर -उधर निश्चिंत होकर घूमने लगे, और शेर को भी बैठे-बैठे शिकार मिल जाया करता था काफी दिनों तक यह नियम- कानून शेर और जानवरों के बीच चलता रहा।
एक दिन एक खरगोश को कहा गया कि आज उसे शेर के पास जाना है। खरगोश काफी डर गया। परंतु फिर भी जंगल के कानून का पालन करते हुए उस शेर के पास उसे जाना ही था। वह जंगल में धीरे-धीरे चलते हुए शेर की गुफा की तरफ जाने लगा। खरगोश को काफी डर भी लग रहा था। वह सोचते भी जा रहा था कि उसकी जान कैसे बचेगी।
जाते- जाते रास्ते में एक कुआं मिला। खरगोश उस कुएं में झांका तो देखा की उसमें उसे अपनी परछाई पानी में दिखाई पड़ी। अपनी परछाई देखकर खरगोश के मन में तरह-तरह के विचार आने शुरू हो गये । वह सोचता- विचारता हुआ शेर की गुफा के तरफ जाने लगा। थोड़ी देर में वह शेर की गुफा के नजदीक पहुंच गया।
गुफा के नजदीक शेर भूखा-प्यासा बैठा हुआ था। शेर जैसे ही खरगोश को देखा तो दहाड़ता हुआ खरगोश के तरफ आया। खरगोश को पकड़कर बोला कि ‘तुमने आने में इतनी देर कर दी, मैं भूख से व्याकुल होकर तड़प रहा था। मैं अभी थोड़ी ही देर में जंगल में जाता और सभी जानवरों को मार डालता ।’
शेर जब थोड़ा जब शांत हो गया तो खरगोश ने बड़ी विनम्रता से शेर को कहा कि’ महाराज आप बेवजह क्रोधित हो रहें है, मैं देर से नहीं आया, मुझे रास्ते में एक दूसरे शेर ने रोक लिया था। मैं जैसे -तैसे जान बचाकर आपके पास आया हूँ। खरगोश के द्वारा ऐसा कहे जाने पर की ” रास्ते में दूसरे शेर ने उसे रोक लिया था” यह सुनकर शेर भौचक रह गया।
उसने खरगोश से कहा कि तुम पूरी बात मुझे बताओ। तब खरगोश ने कहना शुरू कर दिया कि महाराज जंगल के जानवरों ने मुझ जैसे पांच खरगोश को आपके पास खाने के लिए भेजा था, परंतु रास्ते में एक दूसरा शेर मिल गया। उसने हम सभी को रोक कर कहा कि’ तुम कहां जा रहे हो?’ जब मैंने कहा कि जंगल के राजा के पास जा रहा हूं, तो उस शेर ने कहा कि मैं शेर हूं जंगल का राजा मैं हूं।
उसने पांच खरगोशों में से चार खरगोश को मारकर खा गया और मुझे यह कहकर जिंदा छोड़ दिया कि जाओ अपने राजा को कह दो ‘इस जंगल का राजा वह नहीं, मैं हूं। और यह भी कहा की वह आकर मेरे साथ लड़ाई लड़े । खरगोश ने कहा कि महाराज इसी कारण से मुझे आपके पास पहुंचने में देर हो गई।
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खरगोश की बात सुनकर शेर काफी गुस्सा में आ गया। खरगोश से बोला कि तुम मुझे जल्दी उसे शेर के पास ले चलो। उस शेर ने मुझे ललकारा है, मैं उसे जिंदा नहीं छोडूंगा। शेर की बात सुनकर खरगोश बोला, महाराज आपका दुश्मन शेर एक गुफा में छुपा हुआ बैठा है, आपको बड़ी होशियारी से उसके गुफा तक पहुंचना होगा, तभी आप उसको हरा सकते हैं।
तासुरका शेर ने कहा कि ‘तुम सही कह रहे हो’ परंतु मुझे अपने शक्ति पर भी काफी भरोसा है। मैं उस दुश्मन शेर को तुरंत हरा कर उसकी जान ले लूंगा। तारकासुर शेर और खरगोश जंगल के रास्ते उस दुश्मन शेर की तरह आगे बढ़ने लगे। खरगोश आगे -आगे चल रहा था और तासुरका शेर उसके पीछे-पीछे चल रहा था।
खरगोश जब उस कुएं के पास पहुंचा जहां उसे अपनी परछाई दिखाई पड़ी थी। खरगोश उस कुएं के पास खड़ा हो गया।
वह तासुरका शेर को कुएं के पास ले गया और कहा इसी के अंदर आपका दुश्मन शेर छुपा बैठा है। तासुरका शेर जब कुएं के अंदर झाँका तो उसे अपनी परछाई दिखाई। परछाई तो तासुरका शेर का ही था ,परंतु तासुरका शेर ने सोचा कि यह कोई दूसरा शेर है। वह जोर से दहाड़ा ,अंदर से भी तेज दहाड़ने की आवाज आई।
तासुरका शेर बहुत गुस्से में आया आ गया और उसने सोचा कि इसी के अंदर मेरा दुश्मन बैठा हुआ है। यह सोचकर उसने कुएं में छलांग लगा दी। कुएं में काफी पानी था। उसी में डूब कर तासुरका शेर की मौत हो गई। उसने अपने प्राण त्याग दिए। एक छोटे से खरगोश ने अपने बुद्धिमानी से उस शक्तिशाली और दुष्ट शेर का अंत कर दिया।
उसके बाद खरगोश लौट कर जंगल में आया। उसने अपने साथियों और पूरे जानवरों को सारी घटना विस्तार से सुनाया। सभी जानवर काफी खुश हो गए। उनमें खुशी की लहर दौड़ने लगी। सभी जानवरों ने उस खरगोश को अपना गुरु बना लिया। सभी जानवर खरगोश के बुद्धिमानी सुनकर काफी दंग रह गए। शेर का खात्मा हो जाने के बाद सभी जानवर अब खुशी-खुशी उस जंगल में रहने लगे।
Frequently Asked Question (Sher aur khargosh ki kahani in hindi)
शेर और खरगोश की कहानी क्या है ?
शेर जैसे ही खरगोश को देखा तो दहाड़ता हुआ खरगोश के तरफ आया। खरगोश को पकड़कर बोला कि ‘तुमने आने में इतनी देर कर दी, मैं भूख से व्याकुल होकर तड़प रहा था। मैं अभी थोड़ी ही देर में जंगल में जाता और सभी जानवरों को मार डालता ।’
शेर ने कुंए में क्या देखा?
शेर ने कुंए में अपनी ही परछाई देखी और कोई दूसरा शेर समझकर उस कुए में छलांग लगा दी। इस तरह शेर पानी में डूबकर मर गया।
conclusion
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