जादुई टोकरी की कहानी | Long Story For Kids in Hindi [2024]

long story for kids in hindi एक दिल छू लेने वाली काफी दिलचस्प कहानी है। यह कहानी सभी उम्र के पाठकों को सही शिक्षा देने , और उनमें अच्छे संस्कार पैदा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाती हैं।

इसके अलावा नींद वाली कहानियां भी हमारी एक महत्वपूर्ण कहानी संग्रह हैं , वो कहानियां बच्चों की बेहतर परवरिश और उन्हें सपनों की निराली दुनिया में ले जाकर उनका भरपूर मनोरंजन करतीं हैं । ये   कहानियां रात के वक्त बच्चों को सुलाने के लिए सुनाई जाती हैं। कहानी सुनते – सुनते बच्चे सो जातें हैं और कहानी का नायक उनके सपनों में जीवित होकर उनकों जीवन का जरुरी पाठ पढ़ाता है ।

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जादुई टोकरी की कहानी: long story for kids in hindi

Short long story for kids in hindi : बहुत पुरानी एक बात है। रमेश नाम का एक किशोर उम्र का बालक अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ एक छोटी सी पहाड़ी से सटे गांव में रहता था। रमेश काफी शरारती स्वभाव का एक लड़का था और वह तरह – तरह के बच्चों वाली हरकतें किया करता था। उसके हरकतों से हमेशा कोई न कोई छोटी – बड़ी समस्या आ जाती थी ।

एक दिन गांव से कुछ दुरी पर अवस्थित एक जंगल में रमेश घूमने के लिए गया हुआ था। वह उस जंगल में इधर – उधर यूँ ही घूम रहा था , तभी एक जगह रास्ते में जमीन पर गिरा हुआ बांस की बनी हुई एक टोकड़ी को उसने देखा । वास्तव में बांस की वह टोकड़ी एक साधारण टोकड़ी न होकर एक जादुई टोकड़ी थी। उस टोकड़ी को वह अपने दोनों पांव से ठोकर मार- मार कर गेंद की तरह खेलने लग गया । वह टोकड़ी काफी अलग तरह की थी। रमेश को भी वह टोकड़ी कुछ अजीब तरह की लग भी रही थी। अब उस टोकड़ी के बारे में जानने के लिए रमेश काफी उत्साहित भी होने लगा था ।

अब उसने उस टोकड़ी पर अपना पैर रखकर उस टोकड़ी पर चढ़ने का सोचा , परन्तु जैसे ही वह उस टोकड़ी पर अपना पैर रखकर चढ़ा तो वह टोकड़ी रमेश को लेकर ऊपर ऊँचे आसमान में उड़ गई और उड़ते – उड़ते बहुत दूर बादलों के पार लेकर चली गयी , फिर घंटे भर बाद एक विशाल महल के अंदर ले जाकर रमेश को उस टोकड़ी से नीचे उतार दिया।

रमेश उस बड़े और रहस्मय महल में पहुंचकर आश्चर्चकित होकर रह गया। अब वह महल में इधर-उधर घूमकर जायजा लेने लग गया था। । घूमते- घूमते रमेश का सामना एक काफी लंबे- चौड़े व्यक्ति से हुआ जो उस समय महल में पड़े हुए बेशकीमती सामान जैसे सोना ,चांदी , सिक्का हीरा , जवाहरात के खजाने के पास खड़ा होकर खजाने की रक्षा कर रहा था।

उस विशाल व्यक्ति भी अचानक रमेश को देखकर चौंक गया। उसने रमेश से पूछा कि -‘ तुम यहां तक कैसे पहुंचे ? रमेश ने उस व्यक्ति को अपनी सारी बातें बता दी । वह विशाल व्यक्ति काफी दयालु भी था। उसने रमेश को कुछ खजाना देने की पेशकश भी की , परंतु एक शर्त यह भी रखा कि रमेश बिना पूछे कोई भी चीज इस खजाने में से हाथ नहीं लगाएगा ।

रमेश काफी खुश हो गया। उसने उस विशाल व्यक्ति की यह शर्त मान ली थी । लेकिन कुछ दिनों के बाद ही रमेश पर लालच पूरी तरह से हावी हो गया था, उसने बिना पूछे खजाने में से कुछ सोना और जवाहरात चुपचाप चुरा लिया था। कुछ दिनों बाद रखवाले को अहसास हो गया कि कुछ सामान गायब है। जब खजाने के रखवाले को रमेश की इस हरकत का पता चला तो वह काफी गुस्सा हो गया था।

उसने रमेश को महल में खोजा। खोजबीन करने के दौरान वह जादुई टोकरी उस विशाल व्यक्ति के पैरों के नीचे दबकर टूट-फुट गया। उस टोकरी के टूट जाने के कारण अब रमेश का अपने घर वापस जाना संभव नहीं हो सकेगा। उस टोकरी के टूट जाने के कारण रमेश धरती पर वापस कभी नहीं जा सकता था ।

जब रमेश को यह एहसास हुआ कि उसने काफी बड़ी गलती कर दी हैं तो वह उस विशाल व्यक्ति के सामने अपने आप को दोषी ठहराते हुए उससे माफी मांगा और जो भी कीमती सामान उसने चोरी किए थे ,वह सभी सामान खजाने के रखवाले को वापस कर दिया था। उसने यह वादा भी किया कि अब वह कभी भी बिना पूछे कोई सामान नहीं उठाएगा और चोरी कभी नहीं करेगा।

उस घटना के बाद रमेश अब एक बदला हुआ इंसान बन गया था। अब वह अपनी ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ उस महल में रह रहा था, और खजाने की देखभाल भी कर रहा था। रमेश ने यह सीखा की लालच कभी नहीं करना चाहिए , लालच इंसान को कहीं का नहीं छोड़ता है।

रमेश के चाल- चलन एवं बदले हुए स्वभाव को देखकर खजाने के रक्षक उस विशाल व्यक्ति को रमेश पर दया आ गई। उसने फिर से एक जादुई टोकरी बनाई जिस पर सवार होकर रमेश अब अपने गांव जा सकता था।

एक दिन रमेश उस टोकरी पर सवार होकर फिर से अपने गांव की ओर उड़ गया । खजाने के रक्षक ने रमेश को कुछ खजाना भी दिया था । रमेश अपने गांव आकर उस खजाने में से कुछ हीरे – जवाहरात अपने गांव वालों के बीच भी बाँट दिए थे।

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चांद की यात्रा : long story for kids in hindi

Long Story For Kids in Hindi
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एक बार की बात है। सैम नाम का एक छोटा लड़का अपने मां बाप के साथ रहता था। सैम सोते समय सपना खूब देखता था और अपने सपने में हमेशा रोमांच देखा करता था। एक रात उसने अपने सपने में एक रोमांच देखा कि ‘ उसने चांद की यात्रा की है।’

वह चांद के बारे में कुछ किताबों में खोज कर पढ़ा , चांद के संबंध में फिल्मों में भी देखा। कहानी और फिल्म देखकर सैम चांद के बारे अब काफी कुछ जान चूका था। चांद के बारे में जानकर वह काफी उत्साहित भी हुआ , उसने अब यह निर्णय कर लिया कि वह वास्तव में चांद पर पहुंचकर वहां की परिस्तिथियों का एकदम नजदीक से अनुभव करना चाहता है।

चांद पर जाने के लिए वह काफी जोश और उत्साह में था। अब वह दिन भर चांद पर जाने के लिए यात्रा की तैयारी में लग गया था . उसने अपने दोस्तों की मदद से एक छोटा सा रॉकेट भी बना लिया था , उस rocket को रंग-बिरंगे रंगों से रंग भी चुका था। उसने चांद के बारे में काफी जानकारी भी इकट्ठी कर ली थी , चांद पर जाने का नक्शा ,फोटो और अन्य जरुरी सामग्री भी इकट्ठा कर ली थी।

स्वयं के प्रयास से एक लंबे समय के बाद आखिरकार वह दिन आ ही गया जब वह अपने बनाये रॉकेट में बैठकर अंतरिक्ष की ओर वह लॉन्च हो गया था। उसकी यह यात्रा कई चुनौतियों से भरी हुई थी जो एक काफी साहसी यात्रा थी। कई सारी चुनौतियों के बाबजूद उसने अपने फैसले से हार नहीं मानी थी।

उसने रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में अपनी उड़ान भरी और रास्ते में पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण शून्य होने का अनुभव भी किया। उसने काफी करीब से चांद को पूरा नजर भर देखा और चाँद को काफी समय तक निहारता रहा । सैम चांद की अलौकिक सुंदरता से काफी प्रभावित भी हुआ।

अंत में जब सैम का रॉकेट चंद्रमा की धरती पर नीचे उतरा तो वहां का दृश्य देखकर वह एकदम से मंत्र मुक्त हो गया था। चांद पर उतरकर वह इधर उधर घूमने लगा। सैम ने चांद की मिट्टी एवं छोटे- छोटे चट्टानों के टुकड़े को एक जगह इकट्ठा किया। साथ ही चांद पर उगे हुए छोटे-छोटे पौधे की भी उसने खोज कर ली थी। सूर्योदय और सूर्यास्त को चांद पर रहते हुए सैम ने देखा और उस रहस्य के दृश्यों को देखकर वह काफी उत्साहित भी हुआ।

सैम करीब 20 दिनों तक चांद की सतह पर रहा। उसने चांद पर रहते हुए बहुत सारे अलग-अलग तरह के अनुभव एवं रोमांच का अनुभव किया था । अंत में सैम ने यह फैसला किया कि उसे अब अपने पृथ्वी पर वापस लौट जाना चाहिए। वह अपने रॉकेट के पास आया और रॉकेट में बैठकर वापस पृथ्वी की तरफ अपनी उड़ान शुरू कर दी ।

तीन दिनों के बाद वह सुरक्षित रूप से इस पृथ्वी पर वापस उतर गया। जब वह अपने घर गया तो घर के सारे सदस्य और उसके साथियों ने उसका काफी उत्साह से स्वागत -सत्कार किया। सैम ने अपने चांद पर के यात्रा के अपने अनुभव और एहसासों को सभी लोगों के साथ शेयर भी किया।

सैम ने चांद पर रहते हुए जो रोमांच एवं अविश्वसनीय चीजों का अनुभव किया था , उसने अपने दोस्तों और अपने परिवार को उन सारी बातें को पुरे डिटेल में बताई। सैम को उसकी साहस और चांद पर पहुंचने के लिए किए गए मेहनत के लिए काफी प्रशंसा भी लोंगो से मिली। सैम अब बहुत खुश रहने लगा था कि उसने चांद पर जाने के अपने सपने को अपनी मेहनत से साकार कर लिया था।

चांद पर जाने की साहसिक यात्रा इसके दिल और दिमाग पर हमेशा जीवन भर एक सुंदर स्मृति के रूप में यादगार बना रहेगा।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है ?

मोगली की कहानी : सबसे बड़ा खजाना

मोगली की कहानी तो सभी बच्चे अवश्य जानते ही होंगे। एक दिन मोगली को जंगल में घूमते -घूमते किसी कीमती खजाने का एक नक्शा मिल गया। नक्शे को देखकर मोगली बहुत खुश हो गया । खजाने की खोज में जाने का उसने अपना मन बना लिया।

अगले दिन सवेरे मोगली नक्शे को लेकर खजाने की खोज में अपने घर से निकल पड़ा था । चलते-चलते मोगली एक दूसरे जंगल में पहुंच गया। यह घना जंगल था। इस जंगल में मोगली को एक शेर मिल गया । मोगली ने शेर से कहा कि “आप तो बहुत ताकतवर और साहसी हो, मुझे खजाने का एक नक्शा मिला है, क्या खजाने की खोज में मेरे साथ आप आना चाहोगे।” खजाने की लालच में शेर मोगली के साथ चलने के लिए तुरंत ही सहमत हो गया।

मोगली और शेर दोनों मिलकर जंगल में खजाना को खोजने लगे। जंगल इतना घना था कि मोगली को अब बहुत डर लगने लगा था , परंतु शेर ने उसे बहुत हिम्मत दी। दोनों चलते-चलते उस घने जंगल को पार करके एक पहाड़ के नजदीक पहुंचे। पहाड़ के पास एक पेड़ पर एक चील (Eagle) बैठा था। मोगली ने चील से कहा कि “आप तो बहुत दूर तक बिलकुल साफ देख सकते हो” हम लोग खजाने की तलाश में निकले हैं क्या तुम हमारे साथ चल सकते हो।” चील भी साथ में चलने के लिए तैयार हो गया।

मोगली, शेर और चील साथ में चलने लगे। पहाड़ बहुत ऊंचे और उबड़ -खाबड़ थे। एक जगह शेर पहाड़ पर फिसल गया और खाई में गिरने लगा किंतु मोगली ने अपना हाथ बढ़ाकर शेर को बचा लिया। चील दूर तक देखकर शेर और मोगली को सावधान किया करता था। चलते-चलते रास्ते में एक भेड़ मिला।

मोगली ने भेड़ को रोककर कहा कि “हम सभी एक खजाने की तलाश में निकले हुए हैं, क्या तुम खजाने की तलाश में हम सभी लोगों के साथ जुड़ सकती हो।” भेड़ ने कहा कि हां मैं भी साथ चलूंगी। सभी लोग मिलकर आगे बढ़ते रहे। आगे बहुत तेज ठंडी हवा चल रही थी। भेड़ के नजदीक बैठकर उनके ऊन से सभी लोगों ने ठण्ड से राहत महसूस किया। सभी ने थोड़ी देर आराम किया और फिर अगले सफर पर निकल पड़े।

अंत में सभी एक रेगिस्तान में पहुंचे, जहां एक ऊँट मिला। मोगली ने ऊँट को कहा कि आप तो रेगिस्तान का जहाज हो। क्या हम सभी को रेगिस्तान पार करने में मदद करोगे। हम सभी एक खजाने की तलाश में है, क्या तुम हम लोग के साथ आना चाहोगे। ऊंट भी खजाने की तलाश में उन लोगों के साथ जाने के लिए तैयार हो गया।

सभी लोग ऊँट पर सवार हो गए। ऊँट दौड़ते हुए सभी को रेगिस्तान पार करा दिया। चलते-चलते सभी लोग समुद्र के किनारे पहुंचे। अब समुद्र पार करना था, वहां एक कछुआ था। मोगली ने उस कछुआ को कहा कि “हम सभी एक खजाने की तलाश में निकले हैं, खजाने का नक्शा मेरे पास है, क्या तुम हम सभी के साथ खजाने की खोज में चल सकते हो?

कछुआ भी साथ में चलने के लिए तैयार हो गया। सफर अब काफी सुहाना एवं मजेदार हो था। सभी को कछुआ अपने तैरने की कला से समुद्र पार करा दिया। समुद्र पार कर चलते -चलते रास्ते में एक बूढ़ा उल्लू मिला। मोगली को उल्लू से भी दोस्ती हो गई। उल्लू को बहुत तजुर्वा था।

उसने सभी लोगों को कहा कि “खजाना तो आप लोगों को मिल चूका है ,” सभी लोगों को आश्चर्य हुआ। उल्लू ने कहा कि आप सभी लोग एक साथ मिलकर कई दिनों से साथ में रह रहे हो,आप सभी साथ में रेगिस्तान में चले, समुद्र पार किया , पहाड़ों पर चले, जंगल से गुजरे एवं घाटियों को पार किया। सारे मुसीबत में आप लोग हमेशा साथ में रहे।

यह भी किसी खजाने से कम तो नहीं है। आप एक दूसरे के बिना इतनी सारी कठिनाइयों को कभी पार बिलकुल भी नहीं कर पाते। उल्लू की इस बात पर सभी जानवर सोचने लगे। मोगली को लगा कि उल्लू तो बिल्कुल सही कह रहा है। हम सभी एक साथ इस सफर में रहे, सब ने एक साथ मिलकर रास्ते में आने वाली समस्या और मुश्किलों को मिलकर पार किया, एक दूसरे का सहयोग किया। यह कोई खजाना से कम तो नहीं है। यह अपने आप में जीवन का एक बहुत बड़ा खजाना है।

प्रथम कहानी कौन सी है ?

हिंदी भाषा में प्रथम कहानी ‘ एक टोकरी मिट्टी ‘ नामक कहानी को माना जाता है, जिसे माघव सप्रे के द्वारा लिखी गयी थी। यह कहानी छत्तीशगढ़ मित्र पत्रिका में माह अप्रैल वर्ष 1901 में छपी थी।

भारत की सबसे प्रसिद्ध कहानी कौन सी है ?

भारत की लोक कथा महाभारत सबसे प्रसिद्ध कहानी है , जो कई पीढ़ियों से चली आ रही है। महाभारत की कहानी प्रेम , धोखा , विश्वाघात , युद्ध और त्याग की कहानी है। यह कथा विश्व प्रसिद्ध है।

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