रहस्मयी महल की कहानी | Bhutiya Kahani in Hindi [2024]

Bhutiya Kahani in Hindi एक रोचक और सस्पेंस कहानी है , यह सच्ची भूतिया कहानी कई रहस्मयी पात्रों से भी भरपूर है। यह कहानी बेहतर संदेश देने के साथ एक मन मोहक कहानी भी प्रस्तुत करती है।

इसके अलावा हमारे पास कुछ अन्य रोचक कहानियों का संग्रह भी हैं। वे कहानियां बच्चों की बेहतर परवरिश और उनको कल्पनाओं की दुनिया में ले जाकर उनके मन में रोमांच पैदा करती हैं । ये रात के वक्त बच्चों को सुलाने के लिए सुनाई जाती हैं। कहानी सुनकर बच्चे सो जातें हैं और कहानी का नायक उनके सपनों में चमत्कारिक रूप से जीवित होकर उनकों जीवन का जरुरी पाठ भी पढ़ाती हैं।

आजकल Bhutiya Kahani in Hindi जैसी Kids Horror Story in Hindi ऑनलाइन काफी संख्या में उपलब्ध भी हैं। आइये भूतिया कहानी : डरावनी कहानी की ओर चलते हैं।

रहस्मयी महल की कहानी : Bhutiya Kahani in Hindi

बहुत पुराने ज़माने की एक बात है। बहुत दूर एक छोटा सा गांव हुआ करता था। उस छोटे से गांव में ‘रमन ‘ नाम का एक किशोर उम्र का लड़का रहता था। ‘रमन’ को डरावनी ,रोमांचकारी और रहस्यों से भरी हुई चीजों में काफी ज्यादा दिलचस्पी रहती थी। एक दिन की बात है , रमन को अपने दादी से पता चला कि इस गांव से कुछ दूरी पर एक पहाड़ी है।

उस पहाड़ी से सटे हुए एक पुराना महलनुमा खंडहर है , खंडहर के बारे में गांव वालों का कहना है कि वहां रात में अजीब -अजीब सी डरावनी आवाज सुनाई देती है। डर से कोई गांव वाले उस खण्हर के आस – पास भी नहीं जातें हैं।

रमन अब खंडहर की उस रहस्यमयी कहानियों में उलझ चूका था। उसने मन ही मन अपना फैसला भी कर लिया था कि वह उस खंडहर के रहस्यों को जानकर ही दम लेगा। उसने अपने दोस्तों से भी उसे रहस्यमई खंडहर के बारे में बात किया तो उसके ज्यादातर दोस्त एकदम से डर गए थे।

कोई भी उसका दोस्त उसके साथ खण्हर के पास जाने को तैयार नहीं हुआ। रमन का सबसे अच्छा दोस्त मोहन उसके साथ उस खंडहर के अंदर चलने के लिए थोड़ा ना -नुकुर करने के बाद तैयार हो गया था।

अगले दिन पूर्णिमा की रात थी। रात में दोनों दोस्त चुपचाप बिना किसी को बताएं अपने-अपने घरों से निकल पड़े। चांदनी रात में जब रमन और मोहन उस खंडहर के नजदीक पहुंचे तो दोनों दोस्तों का डर से हालत खराब हो गया। दोनों की दिल की धड़कनें काफी तेज हो गयी थी। खंडहर के आसपास बिल्कुल सन्नाटा था , हवा के चलने की आवाज से कुछ ज्यादा ही डरावना माहौल लग रहा था।

रमन ने अपने दोस्त मोहन का हाथ कसकर पकड़े था और धीरे-धीरे छोटे-छोटे कदम बढ़ाते हुए वह खंडहर के अंदर जाने लगा। जैसे ही रमन खंडहर के मुख्य दरवाजे के पास पहुंचा , दरवाजा खुद व खुद ‘चर्र’ की आवाज के साथ खुलने लगा। यह देखकर दोनों सहम गए। लेकिन रमन हिम्मत करके दरवाजे के अंदर घुस गया।

रमन ने देखा कि अंदर एक बड़ी सी चीज चमकती हुई कोई चीज दिख रही है। वह उस चीज के नजदीक गया तो देखा कि वह एक बड़ा सा नक्शा था। उस नक्शे पर लाल रंग से कुछ निशान बनाए गए थे और एक रेखा- लाइन भी खींची हुई थी जो खंडहर से होते हुए पास के जंगल की और का रास्ता बता रही थी।

रमन ने वह नक्शा उठा लिया। दोनों दोस्तों ने उस नक़्शे को ध्यान से देखा। वह शायद किसी पुराने खजाने तक पहुंचाने का नक्शा था। रमन और मोहन महल से बाहर निकल कर नक़्शे में बताए हुए रास्ते पर आगे बढ़ने लगे। थोड़ी दूर चलने पर उन्हें रास्ते में एक बड़ा पुराना पेड़ दिखाई दिया।

फिर पेड़ के पास एक पुराना पत्थर रखा हुआ था। ध्यान से देखने पर पत्थर पर कुछ लिखा हुआ नजर आया। उस पत्थर पर लिखा हुआ था की ” जो भी सच्चा आदमी खोजने निकलेगा वही खजाना पाएगा। ” रमन और मोहन को लगने लगा कि वे दोनों सही में किसी बहुत बड़े रहस्य की ओर ही बढ़ रहे हैं।

दोनों दोस्त धीरे-धीरे नक़्शे के अनुसार आगे बढ़ते जा रहे थे। आगे जाकर रास्ता और भी डरावना और रहस्यमय होता जा रहा था। अचानक उन्हें किसी के चलने की आहट जैसी आवाज सुनाइ दी। आवाज सुनकर दोनों एकदम से डर गए। उन्हें लगा कि कोई चीज उनका पीछा कर रहा है। उन्होंने तुरंत पीछे देखा परंतु पीछे तो कोई भी नहीं था।

रमन ने फिर नक़्शे की ओर देखा और नक़्शे के अनुसार बेहिचक आगे बढ़ने लगा। थोड़ी दूर चलने के बाद एक छोटा सा गड्ढा नजर आया। इस गड्ढे के नजदीक पहुंचने पर देखा कि गड्ढे में कुछ चमकता हुआ चीज है। रमन ने हिम्मत करके उस गड्ढे में हाथ डाला तो उसके हाथ में कुछ चीज आ गयी। वह पकड़ कर बाहर खिंचा तो कोई चमकता हुआ सिक्का था।

सिक्के को उलट- पलट कर देखने पर पता चला कि वह काफी पुराना सोने का काफी भारी सिक्का था। अब रमन को लगने लगा किया यह रहस्यमई खजाने की शुरुआत है। रमन और मोहन ने अब तय किया कि इस सिक्के को अपने पास रखेगा और खजाने के बाकी चीजों को खोजने में फिर से निकलेगा।

अब दोनों दोस्त मिलकर रोज उस खंडहर में जाने लगे और उन्हें नए-नए रहस्यों से सामना होने लगा। दोनों दोस्त काफी समय तक रोमांचक सफर को जारी रखते हुए अंत में दोनों ने ढेर सारा खजाना प्राप्त कर लिया ।

माया और उसकी जादुई किताब : Kids Horror Story in Hindi

Bhutiya Kahani in Hindi

छोटे से गांव में माया नाम की छोटी बच्ची रहती थी। एक दिन गांव के लाइब्रेरी में माया कहानियां का किताब लाने के लिए गई हुई थी। लाइब्रेरी में एक पुरानी सी किताब एक कोने में पड़ी हुई उसे दिखाई दी । उस किताब के ऊपर ढेर सारा धूल पड़ा हुआ था। उसने वह किताब अपने हाथों में उठाया और किताबों पर से धूल झाड़ने लगी ।

किताब पर ‘ जादुई किताब ‘ लिखा हुआ था। माया को यह किताब पढ़ने की काफी ज्यादा उत्सुकता होने लगी। उसने किताब को निकाला उसे अच्छी तरह से झाड़ -पोंछ किया और उसके पन्नों को खोलकर पढ़ने लगी। जैसे ही उसने किताब के पन्ने को पलटी तभी एक अजीब सी आवाज गूंजने लग गयी और अचानक कमरे का माहौल बदला बदला सा लगने लगा। ।

माया ने देखा कि उस रहस्यमई किताब से चमकीले प्रकाश की तरह एक किरण निकल रही है। वह किरण पूरे कमरे में फैल गई। उसे लगा कि यह शायद कोई खास किताब है। उस किताब को आगे पढ़ना शुरू किया तो उसने पाया कि उस कहानी का हर किरदार हर जगह सब कुछ देख रहा है।

माया को समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है ? यह सब असली है या यह उसका सपना है। तभी उसे अजीब रंग का एक खरगोश दिखा। खरगोश माया को देखकर मुस्कुराने लगा। और माया से पूछा कि तुम यहां कैसे पहुंचे। जो भी यहाँ यह किताब के पन्ने खोलता है वह उसके अंदर की दुनिया में चला जाता है।

याद रखना इस किताब से बाहर निकलने का रास्ता इसके सिर्फ अंतिम पेज पर ही लिखा है। यह सुनकर माया की आंखें बड़ी हो गई। उसने फिर भी खरगोश को धन्यवाद किया कि उसने इस किताब से बाहर निकलने का रास्ता तो मुझे बता दिया था। माया जैसे ही वापस मुड़ी तो उसे एक बड़ा सा अजगर सांप वहां रेंगता हुआ नजर आया।

माया ने डरते हुए किताब के पन्ने तेजी से पलटना शुरू कर दिया था कि वह किसी तरह किताब के आखिरी पन्ने पर पहुंचकर उसे पढ़ ले और पढ़कर इस रहस्यमई किताब से बाहर निकल सके, जैसा की खरगोश ने उसे बताया था। अजगर तेजी से उसके पीछे-पीछे दौड़ता आ रहा था। माया किसी तरह किताब के अंतिम पन्ने तक पहुंच गई।

जैसे ही उसने अंतिम पन्ने को पढ़ा एक चमकीला सा प्रकाश उसे वापस उस कमरे में ले गया। माया फिर से पुस्तकालय में पहुंच गयी थी और सब कुछ पहले की तरह बिल्कुल सामान्य हो चूका था। उसने किताब को उसी जगह रखा जिस जगह से उसने उठाया था। हर किताब में एक अलग तरह की दुनिया होती है लेकिन फिर भी वह किताब ‘सचमुच जादुई और रहस्यमई किताब’ थी। This is the Horror story in Hindi.

नीतू और जादुई हार : Bhutiya Kahani in Hindi

एक गांव में नीतू नाम की लड़की अपने दादा- दादी के साथ रहा करती थी। नीतू की दादी के पास काफी सुंदर मोतियों का एक हार था। जिसे वह हर खास अवसर पर जरूर पहनती थी। एक दिन की बात है , नीतू ने अपनी दादी से पूछा कि ”आपको यह हार कहां से मिला है।”

वह हार काफी पुराना और सुंदर था। नीतू की दादी ने कहा कि हार के पीछे की कहानी काफी रहस्यमय है। नीतू की दादी ने कहा कि यह एक रहस्य है , एक दिन स्वयं तुम जान जाओगी।

अब नीतू को उस हार की कहानी के पीछे के रहस्य को जानने की तीव्र इच्छा होने लगी थी। उसने दादी से कहा कि वह उस हार के पीछे की कहानी बताएं। एक रात जब घर के सभी सो रहे थे , नीतू चुपके से वह हार निकाल लिया और वह हार को अपने गले में पहन ली। नीतू जैसे ही हार को अपने गले में डाली तभी एक रोशनी से भरा चमकदार दरवाजा उसके सामने अचानक से प्रकट हो गया।

वह दरवाजा धीरे-धीरे खुलता गया। वह दरवाजे के अंदर गयी। दरवाजे से अंदर घुसने के बाद एक सुंदर सा बगीचा था ,जहां बहुत सुंदर- सुंदर फूल और छोटी बड़ी रंगीन तितलियां उड़ रहीं थी। तभी एक परी ने सामने आकर उसका रास्ता रोक लिया। परी ने कहा कि यह हार तुमको कैसे मिला। इस हार को जो भी पहनता है वह इस रहस्यमई दुनिया में चला आता है।

नीतू ने उस परी से कहा कि यह उसकी दादी का हार है। उसने फिर उस परी से पूछा की उसकी दादी को यह हार कैसे मिला। उस परी ने बताया कि एक समय उसकी दादी ने इस परियों की दुनिया को शैतानी ताकत से बचाने में काफी सहायता की थी और परियों की रानी ने खुश होकर तुम्हारी दादी को यह मोतियों का हार उपहार में दिया था।

हार पहनने वाला इंसान रहस्यमई दुनिया में चला आता है। इस हार के रहस्य को किसी को भी ना बताना क्योंकि परियों के इस हार को संभालना किसी के लिए भी आसान नहीं है और नीतू ने यह वादा किया कि वह इस रहस्यमई हार के बारे में किसी को नहीं बताएंगी। नीतू अपने घर वापस लौटकर सुबह होते ही उसने सबसे पहले वह हार अपनी दादी को वापस लौटा दिया।

अब उस हार का रहस्य पता चल चुका था लेकिन वह कभी किसी को भी इस जादू और रहस्य के बारे में और परियों की दुनिया के बारे में कभी कुछ किसी को भी नहीं पता चलने दिया। यही है सबसे डरावनी भूतिया कहानी हिंदी में।

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