यह Hindi me Kahani Baccho Ke Liye है , जो काफी ज्यादा मजेदार और एक काल्पनिक घटना पर आधारित एक प्रेरक कहानी है। छोटी सी यह हिन्दी कहानी कई आकर्षक पात्रों से भरपूर है। यह हिंदी की छोटी कहानी शिक्षा देने वाली भी है।
यह कहानी एक बेहतर संदेश के साथ -साथ कहानी में एक भावनात्मक परिस्थितियां भी प्रस्तुत करती है। साथ ही यह सचमुच Hindi me Kahani Baccho Ke Liye है।
हमारी अन्य कहानी संग्रह में भी काफी एक रोचक – रोचक कथा संग्रह हैं , जो बच्चों की बेहतर परवरिश और उनको कल्पनाओं की दुनिया में ले जाकर उनके मन में रोमांच पैदा करती हैं । ये कहानी रात के वक्त बच्चों को एक स्वप्निल दुनिया में ले जाती हैं।
उन कहानियों का नायक बच्चों के सपनों में चमत्कारिक रूप से जीवित होकर जीवन का जरुरी पाठ भी पढ़ाती हैं। यह Hindi me Kahani Baccho Ke Liye बड़े लोग भी पढ़कर एन्जॉय कर सकतें हैं।
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राजकुमारी और मुनमुन : Hindi me Kahani Baccho Ke Liye
यह छोटी सी कहानी सिर्फ बच्चों के लिए है। एक बार की बात है। किसी एक गांव में ‘मुनमुन’ नाम की एक बच्ची रहती थी। उसकी उम्र 13 साल की थी। वह काफी चंचल, जिज्ञासु और काफी बहादुर लड़की थी। प्रत्येक दिन वह अपने गांव से सटे जंगल में जाकर वहां पेड़ – पौधों के बीच तितलियों के पीछे दौड़ती ही रहती थी। जंगल में खिले हुए अच्छे-अच्छे सुंदर फूलों को निहारती और चिड़ियों के चह- चहाने की आवाज को वह बड़े ध्यान से सुना करती थी।
गांव के बड़े- बूढ़े और उसके पापा- मम्मी उसे हर समय चेतावनी दिया करते थे कि ‘मुनमुन’ जंगल में बीच वाले हिस्से में भूल कर भी कभी मत जाना , वहां एक पेड़ है जो बड़ा ही भुतहा है , वह हर आने -जाने वाले को अपने नजदीक बुलाता है और उसे पकड़ कर जान से मार देता है। मुनमुन सिर्फ अपना सिर हिलाया करती थी और कहती थी कि ठीक है हम वहां नहीं जाएंगे। लेकिन उसने मन ही मन यह तय कर लिया था कि एक दिन वह वहां जाकर उस जादुई पेड़ की सत्यता को जरूर पता करने का प्रयास करेगी।
एक सुबह – सुबह जब सूरज आसमान में निकला ही था , ठंडी -ठंडी हवाएं भी चल रही थी। मुनमुन ने अपनी प्यारी गुड़िया को अपने गले से लगाया और उसी जंगल की ओर अकेले ही चल दी। उसने सोचा कि आज वह उस पेड़ के एकदम पास जाएगी और उस जादुई पेड़ को नजदीक से देखेगी और उसकी सारी सच्चाई का पता लगाएंगी।
चलते-चलते वह जंगल के उस हिस्से के बिलकुल नजदीक पहुंच गई जहां काफी घने और ऊंचे -ऊंचे पेड़ थे। उन्हें पेड़ों के बीच में उन्हें एक चमकता हुआ पेड़ दिखाई दिया। उसकी शाखाएं एकदम सोने जैसी चमक रही थी और उस पेड़ पर लगी हुई पत्तियों लगता था किवह एकदम शीशे की बनी हुई हो। मुनमुन की आंखें एकदम खुशी से चमकने लगी थी।
यह तो काफी सुंदर है ,उसने मन ही मन कहा। वह धीरे-धीरे उस पेड़ के नजदीक पहुंची तो उसे एक धीमी सी आवाज सुनाई पड़ी थी। उस पेड़ ने मुनमुन से कहा कि ‘ बेटी तुम क्या चाहती हो’ ? मुनमुन अचानक एकदम से चौंक गयी। उसने पूछा कि तुम तो एक पेड़ हो। क्या तुम बोल भी सकते हो ? उसने आश्चर्य से उस पेड़ से पूछा।
फिर पेड़ ने तब जवाब दिया ‘ हां मैं एक जादुई पेड़ हूं , मैं बोल भी सकती हूं और तुम्हारी बातों को सुन भी सकती हूं, और तुम्हें अच्छे-अच्छे तोहफे भी दे सकती हूं। पेड़ ने कहा कि मैं उसी को अपना तोहफ़ा देती हूं जो सच्चे दिल से कुछ मांगते हैं।
मुनमुन ने उस पेड़ से कहा कि अगर ऐसा है तो मुझे ऐसा एक तोहफा दे दो जिससे मैं अपने गांव के सभी लोगों की हर जरूरत पूरी कर सकूं। मुनमुन की बात सुनकर वह पेड़ थोड़ा मुस्कुरायी और कहा कि तुम्हारी सोच काफी नेक है। मैं तुम्हें एक जादुई बीज देती हूं। इसे अपने गांव में लेकर जाओ और इससे अच्छी तरह मिट्टी के अंदर लगा देना। इस बीज से जो पेड़ उगेगा उसका फल तुम्हारे सभी गांव वाले की भूख मिटाने के लिए काफी पर्याप्त होगा।
मुनमुन खुशी-खुशी उस पेड़ से बीज लिया और वापस अपने गांव की तरफ दौड़ते हुए चल दी। गांव पहुंचकर उसने अपने गांव के बीचो-बीच में मिटटी के अन्दर बीज को लगा दिया। 6 महीना के बाद वहां एक सुंदर पेड़ उग आया। फिर कुछ दिनों के बाद उस पेड़ पर फल लग गए जो काफी सुंदर फल थे। कोई भी आकर उस फल को तोड़ सकता था।
गांव के लोग यह देखकर काफी हैरान थे। उसने मुनमुन से पूछा कि अरे मुनमुन यह चमत्कार कैसे हुआ ? मुनमुन ने हलकी मुस्कुराहट के साथ अपनी पूरी कहानी अपने गांव वालों को सुना दी। गांव वालों ने इसके हिम्मत और इसकी अच्छी सोच की काफी तारीफें की। उस दिन के बाद से गांव में कभी कोई भी भूखा व्यक्ति नहीं रहा। सभी को पेट भरने के लिए इस पेड़ का फल ही पर्याप्त था।
मुनमुन ने इस तरह पूरे समाज को सिखाया कि ‘ अगर हम एक दूसरे की भलाई के बारे में सोचें तो कुछ चमत्कार तो अवश्य ही हो सकता है।इस प्रकार यह छोटी कहानी with Moral भी है।
गुड़िया की इंसानों जैसी आवाज : Hindi me Kahani Baccho Ke Liye
एक गांव में मनसा नाम की एक लड़की रहती थी , जो काफी प्यारी और काफी समझदार लड़की थी। उस गांव में वह अपनी मां के साथ रहती थी। मनसा दिन भर अपनी गुड़िया के साथ एवं खिलौने के साथ खेलती रहती थी। मनसा को सबसे ज्यादा पसंद लकड़ी की वह गुड़िया थी जिसे उसने उसका नाम ‘ मोती ‘ रखा था। मोती के साथ मनसा दिन भर तरह-तरह की बातें भी किया करती थी।
मोती को वह अपने बिछावन में भी साथ सुलाती और उसे कहानियां सुनाती थी। एक दिन की बात है ,जब मनसा अपनी गुड़िया के साथ अपने घर में खेल रही थी तभी उसे एक हल्की सी आवाज सुनाई दी। आवाज काफी धीमी थी। पहले तो मनसा ने उस आवाज पर ध्यान नहीं दिया।
लेकिन वह फिर से वह आवाज सुनी तो उसका ध्यान गया। उसे लगा कि यह आवाज उस गुड़िया की ओर से आ रही है। फिर अगली बार आवाज जब आई तो उसने ध्यान दिया। गुड़िया कह रही थी की मनसा क्या तुम मेरी बात सुन सकती हो ? गुड़िया ने धीरे से कहा ‘ मनसा की आंखें आश्चर्य से फटी रह गई। मोती तुम गुड़िया होकर भी बोल सकती हो ?
तब गुड़िया मुस्कुराइ और कही की ‘हां लेकिन मैं सिर्फ तुम्हारे साथ ही बातचीत कर सकती हूं। मैं तुम्हें कुछ खास चीज भी दिखाना चाहती हूँ। गुड़िया ने कहा ‘मुझे बगीचे में उस पुराने पीपल के पेड़ के पास लेकर चलो। वहां एक छोटा सा दरवाजा है , जो तुम्हें जादुई दुनिया में लेकर जा सकता है।
मनसा गुड़िया के साथ उस पीपल के पेड़ के नजदीक पहुंची। मनसा ने देखा कि वहां एक छोटा सा दरवाजा सचमुच का है। गुड़िया ने मनसा को कहा कि यह दरवाजा खोलने के लिए तुम्हें एक गाना गाना होगा। मनसा ने अपनी मीठी आवाज में गाना गाना शुरू कर दिया। जैसे ही मनसा का गाना खत्म हुआ दरवाजा धीरे-धीरे चर्- चर की आवाज के साथ खुलने लगा था।
दरवाजे के पीछे एक चमचमाती रंगीन सितारों से सजी दुनिया दिखाई दी। उस दुनिया में चारों ओर तरह-तरह के फूल खिले हुए थे। छोटी और बड़ी तितलियां इधर – उधर उड़ रही थी। आसमान में इंद्रधनुष के रंगों का झूमर एवं झूला था। मनसा और गुड़िया उस जादुई दुनिया में अपना कदम रखा। इस दुनिया की हर चीज अनोखी थी।
झरने से कल – कल करता हुआ पानी बह रहा था। पेड़ों पर सोने जैसे चमकते हुए फल लगे थे और वहां के लोग काफी हंसमुख और सुंदर थे। उस जादुई दुनिया में एक सूंदर ‘राजकुमारी ‘ भी थी, जिसने मनसा का काफी स्वागत किया और कहा तुम एक सच्ची और मासूम सी अच्छी लड़की हो। तुमने इस जादुई दरवाजे को खोल दिया है, इसलिए मैं तुम्हें एक तोहफा देना चाहती हूं।
मनसा ने सर झुका कर ‘राजकुमारी’ से कहा मैं कुछ ऐसा चाहती हूं ,जिससे मैं अपने गांव वालों की मदद कर सकूं। रानी थोड़ा मुस्कुराई और एक छोटी सी चमकीली चाभी जैसी चीज भी लाकर दी और कहा मनसा यह चाबी तुम्हारे गुड़िया के घर को जादुई बना देगी। जब भी तुम्हारे गांव में कोई संकट आएगा किसी भी तरह की कोई समस्या आएगी यह चाबी हर तरह की समस्या का हल है।
मनसा उस चाबी को अपनी गुड़िया के घर के दरवाजे से जैसे ही लगायी उसी पल गुड़िया का घर काफी बड़ा और एक असली महल जैसा दिखने लगा। उस महल में ढेर सारे खाने -पीने के समान, किताबें, खिलौने ,दवाइयां सभी कुछ थे। अब तो गांव में कोई भी गरीब नहीं रहा किसी को कुछ भी जरूरत पड़ती वह मनसा के पास आ जाता था और मनसा उसकी हर जरूरत को पूरा करती थी।
कोई भी उस गांव में अब भूखा नहीं था। कोई भी बीमार होता तो वह जादूइ ढंग से अचानक से चंगा भी हो जाता था। गांव के लोग अब मनसा को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे। मनसा कहती कि यह सब मेरी जादुई गुड़िया की देन है। उसी के कारण यह सब कुछ संभव हो सका है। This is Hindi me Kahani Baccho Ke Liye.
सीख ; इस कहानी से बच्चों को यह सीख मिलती है कि जीवन में सच्चाई ,मासूमियत और मददगार होना इंसान को हर मुश्किल से निजात दिला सकता है। अगर हम सभी लोग एक दूसरे के लिए सोचने लगे तो हमारी दुनिया वाकई एक जादुई दुनिया बन जाएगी।
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