Best Kahani in Hindi एक रोचक और सस्पेंस कहानी है। यह मजेदार कहानियां रोमाँच से भी भरपूर है। यह बेहतर संदेश देने के साथ- साथ एक मन मोहक स्टोरी भी प्रस्तुत करती है।
इसके अलावा हमारे पास कुछ अन्य रोचक कहानियों का संग्रह भी हैं। वे कहानियां बच्चों की बेहतर परवरिश और उनको कल्पनाओं की दुनिया में ले जाकर उनके मन में रोमांच पैदा करती हैं ।
ये कहानियां रात के वक्त बच्चों को सुलाने के लिए सुनाई जाती हैं। यह कहानी सुनकर बच्चे सो जातें हैं और कहानी का नायक उनके सपनों में चमत्कारिक रूप से जीवित होकर उनकों जीवन का जरुरी पाठ भी पढ़ाती हैं।
आजकल Best Kahani in Hindi जैसी हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी ऑनलाइन काफी संख्या में उपलब्ध भी हैं। आइये की ओर चलते हैं।
दो दोस्त की कहानी |Best Kahani in Hindi
Best Kahani in Hindi – एक छोटे से शहर में ‘अर्णव ‘ नाम का एक लड़का रहता था , उसकी उम्र मात्र 15-16 बरस की थी। वह हमेशा उदास रहता था। स्कूल से आने के बाद वह कहीं अकेले में बैठ जाता और अपने ख्यालों में एकदम से खो जाता था। अर्णव की पिछली जिंदगी में अचानक बहुत कुछ बदलाव आ चुका था।
उसकी मां उसको छोड़कर भगवान के पास जा चुकी थी। मां की याद में उसके दिल में हमेशा किसी की कमी महसूस होती रहती थी। अर्णव वह दिन कैसे भूल सकता था जब उसकी मां मुस्कुराते हुए उससे कहती थी कि ‘अर्णव’ तेरे बिना मेरी जिंदगी बिल्कुल अधूरी -अधूरी सी है। आज वही मां ‘अर्णव ‘ के पास मौजूद नहीं थी।
एक दिन की बात है। स्कूल से आने के बाद शाम में ‘अर्णव ‘ गांव के पास ही बहने वाली एक छोटी सी नदी के किनारे चुपचाप बैठा हुआ था, और कुछ सोच रहा था। अर्णव को एहसास हुआ कि आज मौसम कुछ बदला बदला सा है। हवा में एक अजीब सी शांति थी ,परंतु अर्णव के दिल में एक तूफान जैसा मंजर था।
नदी में पानी धीरे-धीरे बह रही थी जैसे लग रहा था कि नदी अर्णव की दुखभरी कहानी चुपचाप सुन रही हो ।
नदी के किनारे बैठे -बैठे उसने एक पत्थर हाथों में लिया और उसे नदी के पानी में दूर फेंक दिया। पानी में छोटे-छोटे लहर( तरंगें ) उत्पन्न होकर गोल-गोल चक्कर बनाते हुए आगे बढ़ने लगी। आगे बढ़ता हुआ गोल चक्कर किनारे से टकराकर गायब हो जाता था , फिर पीछे वाला गोल चक्कर किनारे से टकराता और इसी तरह ( लहरें ) तरंगे किनारे से टकराकर खत्म हो जाती थी।
लहरों के गोल चक्कर का किनारों पर आकर ख़त्म हो जाने पर अर्णव के दिल का दर्द भी कुछ हल्का हो जाता था। एक दिन नदी के किनारे बैठे हुए अर्णव की नजर अचानक नदी के पार उस किनारे तक गई तो उसने देखा कि नदी के दूसरे किनारे पर एक छोटी सी लड़की खड़ी थी जो उसकी तरफ ही देखे जा रही थी।
उस लड़की के चेहरे पर एक मासूमियत थी। दूर से वह लड़की अर्णव के तरफ देखतें हुए अपना हाथ हिलाई। अर्णव के दिल में थोड़ी सी चिंगारी पैदा हुई। उस लड़की ने लगातार अपना हाथ मिलाकर अर्णव की तरफ जैसे दोस्ती करने की पहल कर रही थी। जवाब में अर्णव ने भी उस मासूम छोटी लड़की की तरफ अपना हाथ हिलाया। इस घटना ने अर्णव को काफी राहत सी महसूस कराई।
उसके दिल का बोझ आज काफी हल्का हुआ महसूस हुआ। उसके बाद अर्णव रोज उस नदी के किनारे आने लगा और वह छोटी लड़की भी प्रतिदिन नदी के उस किनारे नजर आ जाती थी और अर्णव को देखकर अपनी छोटी सी हाथ हिलाया करती थी। उसकी मासूमियत और मुस्कुराता हुआ चेहरा देखकर अर्णव को लगता जैसे वह लड़की उसके दिल के जख्मों को अच्छी तरह जानती है
वह लड़की उसके जख्मों पर मरहम की तरह एहसास कराती थी। एक दिन की बात है ,वह लड़की अर्णव के नजदीक चली आई और बोली कि ‘ भैया ‘ तुम क्यों इतने उदास -उदास रहते हो ? अर्णव के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था। लड़की की इतनी छोटी सी बात और उधर अर्णव के दिल में छुपा हुआ एक बड़ा दर्द।
लड़की की बात से अर्णव को के दिल को काफी राहत मिली । वह लड़की और अर्णव अब रोज नदी किनारे बैठकर खूब सारी बातें किया करते थे। उस लड़की के मौजूदगी में अर्णव को अपनी मां का इस दुनियां में नहीं रहने का अहसास गायब हो जाया करता था। बहुत दिनों तक दोनों की दोस्ती इसी तरह चलती रही थी।
लड़की की शादी हो जाने के बाद उन दोनों की दोस्ती भी ख़त्म हो गयी थी। परन्तु अर्णव को काफी दिनों तक उस लड़की की याद आती रही। यही है बच्चों की सबसे अच्छी कहानी।
विनय और स्वेता की कहानी :Best Kahani in Hindi
विनय और स्वेता का आपस का रिश्ता शुरू से ही बहुत गहरा था। दोनों ने एक साथ ही स्कूल में पढाई की थी और कॉलेज में ही दोनों साथ-साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे। विनय के दिल में स्वेता के लिए कुछ अच्छी और प्यारी भावनाएं थी। एक दिन की बात है, विनय ने अचानक स्वेता को अपने दिल की बात कह दी थी।
विनय के आंखों में एक अलग तरह का चमक देखकर स्वेता ने भी विनय के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा की , ‘ राघव , मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं , आज के बाद उन दोनों की दुनिया प्यार से पूरी तरह भर चुकी थी। समय के साथ-साथ राघव को एक अच्छी प्राइवेट नौकरी लग गयी थी उसे शहर से बाहर जाना पड़ा था। स्वेता से विदा लेते हुए विनय का दिल अंदर ही अंदर रो रहा था। उसका दिल एकदम से भारी हो गया था।
विनय और स्वेता ने बिछुड़ते समय एक दूसरे से यह वादा किया कि यह दूरियां उन दोनों को कभी भी अलग नहीं कर सकती है। हर रोज विनय की आवाज सुनने की स्वेता की एक आदत सी बन चुकी थी। फोन पर वे दोनों घंटे एक – दूसरे से बात किया करते थे। फोन पर ही दोनों हंसते और अपने -अपने भविष्य के ताने-बाने बुनते रहते थे।
विनय शहर में नौकरी के लिए चला गया। वक्त के साथ विनय नौकरी में पूरी तरह से रम गया था विनय के अब फ़ोन कॉल्स भी बहुत कम आने लगे थे। लगे स्वेता को फोन पर विनय के संदेशों का दिन भर इंतजार रहता था। धीरे-धीरे विनय के द्वारा व्हाट्सएप मैसेज आना बिलकुल कम हो गया था।
अब स्वेता हर शाम अपने घर की खिड़की के पास बैठकर रात में आसमान के तारों को निहारा करती। उन तारों में उसे अपने विनय की परछाई नजर आती थी। वह उस दिन को याद करती जब वो और विनय अधिकांश समय एक दूसरे के साथ रहा करते थे।
एक दिन सवेरे से ही स्वेता को कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था। उसे कुछ अनहोनी की आशंका हो रही थी। थोड़ी देर के बाद ही अचानक उसे यह खबर मिलती है कि विनय के साथ एक सड़क दुर्घटना हो गई है। यह सुनकर स्वेता की धड़कन ही एकदम से रुक सी गई। सब कुछ आसपास अचानक से थम सा गया।
वह एक अपने जान पहचान वाले के साथ तुरंत शहर पहुंची ,जहां एक अस्पताल में उसका विनय भर्ती था। अस्पताल पहुंचकर उसने देखा की विनय अस्पताल के बेड पर बेहोश पड़ा हुआ है। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति काफी गंभीर है , कुछ भी हो सकता है स्वेता अस्पताल में विनय के बिस्तर के नजदीक चुपचाप बैठ गई।
उसने विनय का हाथ अपने हाथों में ले लिया। इस समय स्वेता के दिल में विनय के लिए खूब सारा प्यार, दर्द और भगवान से प्रार्थना का सैलाब उमर रहा था। स्वेता विनय की उंगली सहला रही थी। तभी अचानक विनय की उंगलियों में कुछ हरकत हुई और विनय ने अपना आंख खोला।
सामने स्वेता को बैठे देखा तो कुछ बोलने का प्रयास कर रहा था लेकिन बोल नहीं पा रहा था। बहुत प्रयास के बाद विनय के मुंह से दो शब्द निकले। विनय ने थोड़ी देर ध्यान से स्वेता को देखा और कहा कि ‘ तुम्हारे बिना मैं अधूरा था अब मैं पूरा हूं। स्वेता की आंखों से झर -झर आंसू बह रहे थे। उन आंसुओं के बीच स्वेता के होठों पर मुस्कान भी थी।
स्वेता को एहसास हो चुका ताकि उसका प्यार समय और परिस्थितियों की मुश्किल से मुश्किल स्थितियों से भी अच्छी तरह लड़ सकता है। दोनों ने मिलकर अब यह तय कर लिया की वे अब आपस में जल्दी ही शादी कर लेंगे , चाहे कितने भी मुसीबतें आएगी अब दोनों जीवन भर सुख – दुःख में एक – दूसरे के साथ ही रहेंगे। इस तरह यह कहानी दुनियां की सबसे अच्छी कहानी में से है।
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